बिलासपुर। देवरीखुर्द स्थित जमीन का नामांतरण नहीं कराना एक व्यक्ति को भारी पड़ गया। जमीन दलाल ने फर्जी दस्तावेज तैयार कर जमीन को बेचकर खरीदारों को कब्जा भी दिला दिया। असली मालिक को जब इसकी जानकारी हुई, तब उन्होंने सिविल लाइन थाने में शिकायत दर्ज कराई। पुलिस ने धोखाधड़ी व कूटरचना का मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।

जरहाभाठा निवासी सौखीलाल भार्गव ने पुलिस को बताया कि उन्होंने वर्ष 2008 में माया देवी पति लक्ष्मीशंकर सिंह से देवरीखुर्द स्थित 2400 वर्गफुट जमीन रजिस्ट्री कर खरीदी थी। किसी कारण से वे उस जमीन का नामांतरण नहीं करवा सके। इसी बीच कोरोना काल के दौरान जमीन दलाल बजरंग प्रसाद की नजर उस जमीन पर पड़ी। दलाल ने तकनीकी गड़बड़ी और ऑनलाइन खसरे का फायदा उठाकर माया देवी के नाम का फर्जी आधार कार्ड बनवाया। इसके बाद किसी अन्य महिला को माया देवी बनाकर पंजीयन कार्यालय में फर्जी मुख्तियारनामा तैयार करवाया।
फर्जी दस्तावेजों के आधार पर दलाल ने सौखीलाल की जमीन को सुषमा गुप्ता और अरविंद कुमार गुप्ता के नाम 13 फरवरी 2020 को रजिस्ट्री करा दी। उसने एक फर्जी ऋण पुस्तिका भी बनवा ली और दोनों खरीदारों को जमीन का कब्जा भी दिला दिया।
जब सौखीलाल को जमीन पर कब्जा होने की जानकारी मिली, तो उन्होंने पड़ताल की। इसमें यह बात सामने आई कि असली माया देवी आज भी जीवित हैं और उनका आधार नंबर भी अलग है। उनके नाम पर केवल एक ही संपत्ति थी, जिसे उन्होंने सौखीलाल को ही बेचा था।
शिकायत के बाद पुलिस ने आरोपी दलाल बजरंग प्रसाद के खिलाफ धोखाधड़ी और कूटरचना का मामला दर्ज कर लिया है।

अधिमान्य पत्रकार छत्तीसगढ़ शासन