पुलिस महानिदेशक अरुण देव गौतम का ऑपरेशन तलाश बना मिशाल अब तक 4,472 गुमशुदा महिला-पुरुष बरामद एक महीने में हजारों की घर वापसी,परिजनों ने किया पुलिस का आभार
रायपुर।प्रदेश के डीजीपी अरुण देव गौतम के निर्देश का असर दिखने लगा है गुमशुदा को तलाशने की जो उनकी सोच है वो कोई ऐसे ही नहीं बेसिक पुलिसिंग का यह एक हिस्सा है जो इस ओर इशारा करता है कि गुमशुदा की एफआईआर देखिए किस थाने में मिसिंग की शिकायत है ।अब अनुभव पुराना तो सफलता भी मिलेगी और अपराधी भी पुलिस के गिरफ्त में होंगे ।प्रदेश के पुलिस महानिदेशक के निर्देश पर पूरे प्रदेश में पुलिस ऑपरेशन तलाश अभियान के तहत गुमशुदा की तलाश में दिन रात एक कर रही है ।

बिलासपुर आईजी रेंज संजीव शुक्ला और एसपी रजनेश सिंह की दूरदर्शिता का परिणाम है कि प्रदेश स्तरीय लापता हुए व्यक्तियों की तलाश अभियान में बिलासपुर पहले नंबर पर है ए हम नहीं आकड़े बोल रहे है ,वैसे भी पुलसिंग के मामले में बिलासपुर पहलें नम्बर पर है ।
राज्य में चलाए गए विशेष अभियान के तहत बिलासपुर में अब तक कुल 1056 लापता व्यक्तियों को ढूंढकर उनके परिजनों से मिलवाया गया है।जबकि दुर्ग इस मामले में दूसरे नम्बर पर है ।

पुलिस ने राज्यभर के साथ-साथ देश के विभिन्न हिस्सों से 4,472 लापता महिला और पुरुषों को सकुशल बरामद कर उनके परिजनों से मिलवाया है।
प्रदेश के पुलिस महानिदेशक अरुण देव गौतम के निर्देश पर यह विशेष अभियान पिछले एक महीने से चलाया जा रहा है । एक जून से 30 जून तक राज्य भर में चलाए गए इस अभियान का नेतृत्व आईजी अजय यादव के मार्गदर्शन में किया गया। यह राज्य का पहला ऐसा समर्पित अभियान था, जिसमें बालिग गुमशुदा व्यक्तियों की तलाश पर विशेष रूप से ध्यान केंद्रित किया गया।
अधिकारियों से मिली जानकारी के मुताबिक ऑपरेशन तलाश के तहत कुल 4,472 लापता व्यक्तियों को ढूंढा गया, जिनमें 3,207 महिलाएं और 1,265 पुरुष शामिल हैं। इनमें से 252 महिला और पुरुषों को मध्यप्रदेश ओडिशा महाराष्ट्र उत्तर प्रदेश दिल्ली तमिलनाडु बिहार कर्नाटक सहित देश के 18 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से दस्तयाब किया गया।
पुलिस टीमों ने लापता व्यक्तियों की तलाश में संभावित स्थानों की पहचान कर मौके पर जाकर कार्यवाही की। परिजनों से संपर्क कर मामलों की समीक्षा के बाद रणनीति बनाकर सघन खोजबीन की गई।
बिलासपुर और दुर्ग जिलों ने सर्वाधिक सफलता प्राप्त की है, जहां क्रमशः 1,056 और 807 लापता व्यक्ति बरामद किए गए। महासमुंद और रायपुर जिलों ने भी उल्लेखनीय कार्य करते हुए क्रमशः 267 और 217 गुमशुदा लोगों को सकुशल खोज निकाला।
प्रदेश के डीजीपी अरुण देव गौतम के इस अभियान की सफलता के लिए नोडल अधिकारियों की नियुक्ति, विशेष टीमों का गठन और संचार साधनों के कुशल उपयोग सहित कई पहलुओं पर कार्य किया गया । पुलिस अधिकारियों के अनुसार गुमशुदा व्यक्तियों की घर वापसी पूरी कानूनी प्रक्रिया के तहत सुनिश्चित की गई।
छत्तीसगढ़ पुलिस के इस प्रयास को राज्य में गुमशुदगी की समस्या के समाधान की दिशा में एक बड़ी पहल मानी जा रही है।
यह अभियान छत्तीसगढ़ प्रदेश के डीजीपी अरुण देव गौतम के निर्देशन में पूरे प्रदेश में एक साथ चलाया गया जिसका उद्देश्य वर्षों से लापता लोगों को खोजकर उन्हें सुरक्षित घर पहुंचाना था।
इस अभियान में बिलासपुर जिले के आईजी रेंज डॉ संजीव शुक्ला एसएसपी रजनेश सिंह ने सराहनीय पहल करते हुए प्रदेश में प्रथम स्थान प्राप्त किया। वहीं दुर्ग जिले ने भी महत्वपूर्ण योगदान देते हुए 807 गुमशुदा व्यक्तियों को ढूंढकर दूसरे स्थान पर अपना नाम दर्ज कराया। महासमुंद जिला तीसरे और राजधानी रायपुर चौथे स्थान पर रहा ।
इन जिलों के एसपी ने टीम वर्क पर काम करते हुए लापता लोगों को शहरों की गलियों बस अड्डों रेलवे स्टेशनों और अन्य राज्यों से तलाश कर उन्हें सकुशल उनके परिजनों से मिलवाया। कई मामलों में वर्षों से बिछड़े हुए लोग भी इस अभियान की बदौलत अपने घर लौट सके।
प्रदेश में डीजीपी अरुण देव गौतम ने इस अभियान में लगे समस्त पुलिस अधिकारियों से स्वयं बातचीत करते हुए पूरे मामले की मॉनिटरिंग करते हुए सतत संपर्क में रहकर दिशा निर्देश देते रहे उन्होंने विभाग के कर्मचारियों एवं संबंधित विभागों की सराहना करते हुए कहा कि यह न केवल पुलिस की प्रतिबद्धता को दर्शाता है, बल्कि समाज में भरोसे की भावना को भी मजबूत करता है ।

प्रधान संपादक