बिलासपुर। पुलिस अधिकारी की पत्नी द्वारा नीली बत्ती लगी गाड़ी के बोनट पर सार्वजनिक रूप से जन्मदिन मनाने और वीडियो वायरल होने के मामले को हाई कोर्ट ने गंभीरता से लिया है। चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा ने इस मामले में जनहित याचिका के रूप में स्वतः संज्ञान लेते हुए मुख्य सचिव को नोटिस जारी कर शपथपत्र के साथ जवाब पेश करने का निर्देश दिया है। अगली सुनवाई के लिए एक सप्ताह बाद की तिथि तय कर दी है।
बलरामपुर-रामानुजगंज जिले में पदस्थ एक डीएसपी तस्लीम आरिफ की पत्नी द्वारा नीली बत्ती लगी एक्सयूव 700 गाड़ी के बोनट पर बैठकर जन्मदिन मनाने का वीडियो हाल ही में वायरल हुआ। यह घटना अंबिकापुर के एक होटल के पास की बताई जा रही है। वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि गाड़ी में मौजूद लोग किसी जश्न का हिस्सा हैं। इस वायरल वीडियो से लोक आक्रोश भी देखने को मिला क्योंकि इसने आधिकारिक विशेषाधिकारों के दुरुपयोग पर सवाल खड़े कर दिए। इसके बाद, कार चालक के खिलाफ अज्ञात व्यक्ति के रूप में मोटर वाहन अधिनियम की धारा 177, 184 और 281 के तहत एफआइआर दर्ज की गई।
चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा और जस्टिस बीडी गुरु की डिवीजन बेंच ने कहा कि वीडियो सार्वजनिक है और इसमें संबंधित अधिकारी की पत्नी के साथ अन्य लोग स्पष्ट रूप से दिख रहे हैं, ऐसे में अज्ञात चालक के नाम पर एफआइआर दर्ज करना संदेहास्पद है। हाई कोर्ट ने मुख्य सचिव से यह स्पष्ट करने को कहा है कि अब तक पुलिस प्रशासन द्वारा क्या ठोस कार्रवाई की गई है और इस प्रकरण को किस स्तर पर जांच में लिया गया है।
29 जनवरी को एक अन्य वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें एक व्यक्ति सड़क पर आतिशबाजी कर जन्मदिन मना रहा था। उस समय मुख्य सचिव ने सभी थाना प्रभारियों को स्पष्ट निर्देश दिए थे कि मोटर वाहन अधिनियम के साथ-साथ भारतीय दंड संहिता के प्रावधानों के तहत भी ऐसे मामलों में कड़ी कार्रवाई की जाए। इस मामले में हाई कोर्ट ने अब मुख्य सचिव को स्पष्ट निर्देश देते हुए शपथपत्र पर विस्तृत जवाब दाखिल करने का आदेश दिया है।

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