बिलासपुर। कोरबा के सिविल लाइन थाने में पदस्थ थानेदार प्रमोद डडसेना के खिलाफ बांकीमोगरा थाने में एफआईआर दर्ज किया गया है। प्रमोद डडसेना ने एक मामले में बांकीमोगरा थाना प्रभारी रहते किराएदार के साथ मिलकर दुकान मालिक के घर घुसकर दुकान खाली करने के लिए धमकाया था.
दुकान मालिक को थाने लाकर दो घंटे से भी अधिक समय तक बैठाया था। मामले में पीड़ित के परिवाद पर न्यायिक दंडाधिकारी प्रथम श्रेणी ने बांकीमोगरा के तत्कालीन थानेदार प्रमोद डडसेना के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के निर्देश दिए थे। इसके बाद भी अपराध दर्ज नहीं किए जाने पर पीड़ित ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर गुहार लगाई। हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस की डिवीजन बेंच ने एसपी कोरबा को नोटिस जारी कर शपथ पत्र के साथ जवाब माँगा था. डीविजन बेंच ने पूछा था कि कोर्ट के आदेश के बाद भी अपराध क्यों दर्ज नहीं किया गया. इसके तत्काल बाद
थानेदार के ऊपर अपराध दर्ज किया गया.
ये है मामला
बांकीमोगरा चौक में 77 वर्षीय रामलाल चौहान की दुकान है। यहां उनका किराएदार हेतराम साहू रहता था। किराएदार ने दुकान पर कब्जा कर लिया था। इसके खिलाफ हेतराम साहू ने कटघोरा की एक अदालत में केस दाखिल किया था। केस का फैसला दुकान मालिक रामलाल चौहान के पक्ष में आया और अदालत के आदेश से 20 अप्रैल 2024 को किराएदार हेतराम साहू से दुकान खाली करवा दुकान मालिक रामलाल चौहान को कब्जा दिलवाया गया। कुछ ही दिनों बाद हेतराम साहू ने बांकीमोगरा के तत्कालीन थानेदार प्रमोद डडसेना के साथ मिलकर दुकान में कब्जे के लिए चाल चली। थानेदार ने अवैधानिक ढंग से बलात रामलाल चौहान के घर में घुस कर उसे दुकान खाली करवाने के लिए धमकाया। फिर गैरकानूनी तरीके से रामलाल चौहान को थाने लाकर दो घंटे से अधिक समय से अवैध हिरासत में रखा। रामलाल चौहान के अधिवक्ता प्रमोद सोनी ने जब थाना पहुंचकर कोर्ट के फैसले के बारे में सूचित किया तो अधिवक्ता से भी थानेदार ने अभद्र व्यवहार करते हुए धमकी दी।

इसके खिलाफ न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी कटघोरा की अदालत में रामलाल चौहान ने परिवार पेश कर कार्यवाही की मांग की थी। 3 जनवरी 2025 को न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी ने बांकिमोगरा के तत्कालीन थानेदार प्रमोद डडसेनाके खिलाफ आईपीसी की धारा 451,166,342,384,506,34 और किराएदार हेतराम साहू के खिलाफ 451,384,34 के तहत अपराध दर्ज करने के निर्देश दिए थे। पर कोरबा पुलिस के अधिकारियों ने अपराध दर्ज नहीं किया।

अधिमान्य पत्रकार छत्तीसगढ़ शासन