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October 30, 2025 4:09 am

दैवेभो व संविदा कर्मचारियों के लिए ईपीएफ सर्कुलर 45 दिनों भीतर लागू करने हाई कोर्ट ने राज्य शासन को जारी किया निर्देश

बिलासपुर। छत्तीसगढ़ दैनिक वेतनभोगी कर्मचारी संघ की याचिका पर सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने राज्य शासन को दैवेभो व संविदा कर्मचारियों के लिए ईपीएफ सर्कुलर 45 दिनों भीतर लागू करने का निर्देश दिया है। संघ ने बताया कि जल संसाध विभाग में काम करने वाले ऐसे कर्मचारियों के भविष्य निधि को लेकर विभाग के अधिकारी ध्यान नहीं दे रहे हैं। सरकार के सर्कुलर का विभागीय अधिकारी पालन नहीं कर रहे हैं।
छत्तीसगढ़ दैनिक वेतनभोगी कर्मचारी संघ ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर सामाजिक सुरक्षा लाभ प्रदान करने की मांग की थी। इस मामले की सुनवाई करते हुए जस्टिस अरविंद कुमार वर्मा के सिंगल बेंच ने जल संसाधन विभाग को महत्वपूर्ण निर्देश देते हुए कहा है कि विभाग अपने दैनिक वेतनभोगी और संविदा कर्मचारियों को कर्मचारी भविष्य निधि अधिनियम ईपीएफ एक्ट के तहत सामाजिक सुरक्षा लाभ देने के लिए दो पुराने सरकारी सर्कुलरों को 45 दिनों के भीतर लागू करें। याचिकाकर्ता छग दैनिक वेतनभोगी कर्मचारी संघ की ओर से पैरवी करते हुए अधिवक्ता ने कोर्ट को बताया कि राज्य सरकार ने 22 नवंबर 1952 के दायरे में लाया जाए ताकि उन्हें भविष्य निधि, बीमा और पेंशन ने आरोप लगाया कि जल संसाधन विभाग के अधिकारियों ने राज्य शासन के दोनों सर्कुलर को अब तक लागू नहीं किया है। लोक निर्माण विभाग पीडब्लूडी ने इन्हें पहले ही प्रभावी रूप से लागू कर दिया है। इस कारण जल संसाधन विभाग के सैकड़ों दैवेभो कर्मियों को अभी तक ईपीएफ कवरेज और लाभ से वंचित होना पड़ रहा है। सुनवाई दौरान राज्य सरकार की ओर से पैरवी करते हुए शासकीय अधिवक्ता ने कहा कि जल संसाधन विभाग सुर्कलरों को लागू करने की दिशा में काम कर रहा है और शीघ्र दोनों सर्कुलर को प्रभावशील कर दिया जाएगा। राज्य सरकार के जवाब के बाद हाईकोर्ट ने टिप्पणी की कि महज आश्वासन पर्याप्त नहीं है। कोर्ट ने आदेश दिया कि आदेश की प्रति प्राप्त होने के 45 दिनों के भीतर जल संसाधन विभाग दोनों सर्कुलरों को पूरी तरह लागू करें और सभी योग्य कर्मचारियों का पंजीकरण ईपीएफओ पोर्टल के माध्यम से पूरा करें। कोर्ट ने कर्मचारियों को उनकी पात्रता की तारीख से लाभ देने के निर्देश भी दिए गए। सिंगल बेंच ने अपने आदेश में लिखा है कि कर्मचारी भविष्य निधि और विविध उपबंध अधिनियम 1952 देश में श्रमिकों की आर्थिक और सामाजिक सुरक्षा सुनिश्चित करने वाला एक महत्वपूर्ण कल्याणकारी कानून है। इस अधिनियम तहत कर्मचारियों को भविष्य निधि, बीमा और पेंशन लाभ प्रदान किए जाते हैं जिससे वे वृद्धावस्था, दुर्बलता या आकस्मिक मृत्यु जैसी परिस्थितियों में आर्थिक रूप से सुरक्षित रह सकें।

रवि शुक्ला
रवि शुक्ला

प्रधान संपादक

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