बिलासपुर। प्राचार्य पदोन्नति में राज्य शासन द्वारा व्याख्याता संवर्ग के 65 प्रतिशत में से एलबी संवर्ग के लिए 30 प्रतिशत कोटे के प्रावधान को चुनौती दी गई थी। इस याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस नरसिम्हा के सिंगल बेंच में सुनवाई हुई, जिसमें एलबी संवर्ग की ओर से याचिकाकर्ता रामगोपाल साहू के अधिवक्ता आशुतोष गढ़े के साथ सीनियर लॉयर गौरव अग्रवाल ने तथ्यों के साथ पक्ष रखा। याचिकाकर्ता राजेश शर्मा के पक्ष को पूर्णतः निराधार व गलत, द्वेषवश और असंवैधानिक नियमों के विपरीत बताते हुए अधिवक्ता ने अपनी बातें रखी। राज्य शासन की ओर से अधिवक्ता नटराजन ने पैरवी की। मामले की सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट ने राजेश शर्मा की याचिका को खारिज कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद माना जा रहा है कि ई संवर्ग के व्याख्याताओं का प्राचार्य के पद पर पदोन्नति का रास्ता सुलभ हो गया है। हाई कोर्ट के डिवीजन बेंच ने पहले ही याचिकाओं को खारिज कर दिया है। एक शिक्षक की याचिका पर सुनवाई के बाद सिगल बेंच ने फैसला सुरक्षित रख लिया है। माना जा रहा है कि सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद जल्द ही सिंगल बेंच अपना फैसला सुनाएगा। व्याख्याता से प्राचार्य बनने वाले शिक्षकों की नजरें इस ओर लगी हुई है।
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