छत्तीसगढ़ बिलासपुर। हाई कोर्ट ने सेवानिवृत्त शासकीय कर्मचारी को बड़ी राहत देते हुए उसके खिलाफ जारी 1,15,760 रुपये की वसूली के आदेश को निरस्त कर दिया है। कोर्ट ने राज्य सरकार को वसूल की गई राशि छह सप्ताह के भीतर लौटाने के अलावा लंबित ग्रेच्युटी राशि जल्द जारी करने का निर्देश दिया है। शासकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान (आइटीआइ कोनी) बिलासपुर में तृतीय श्रेणी कर्मचारी के रूप में कार्यरत लक्ष्मण दास माणिकपुरी ने याचिका दायर की थी।
याचिकाकर्ता को सेवा काल के दौरान वेतन भुगतान में अधिक राशि दी गई थी, जिसे बाद में विभाग ने 8 दिसंबर 2022 को एक आदेश जारी कर वापस वसूलने का निर्देश दे दिया।

इस आदेश को चुनौती देते हुए याचिकाकर्ता ने अदालत की शरण ली। याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता श्रीजन पांडेय ने सुप्रीम कोर्ट के चर्चित निर्णय स्टेट आफ पंजाब बनाम रफीक मसीह (2015) 4 एसएससी 334 का हवाला दिया, जिसमें स्पष्ट किया गया है कि, तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों से सेवानिवृत्ति के बाद वेतन की वसूली नहीं की जा सकती। यदि कर्मचारी ने किसी प्रकार की धोखाधड़ी नहीं की है और वसूली का आदेश सेवा निवृत्ति के वर्षों बाद जारी किया गया हो, तो वह कानूनन अनुचित है। मामले की सुनवाई के बाद कोर्ट ने शासन के रिकवरी आदेश पर रोक लगाते हुए वसूल की गई राशि के अलावा ग्रेज्युटी का भुगतान जल्द करने का निर्देश दिया है।

अधिमान्य पत्रकार छत्तीसगढ़ शासन