बिलासपुर। समाज में अपराध की ओर बढ़ते नाबालिगों को सही मार्ग पर लाना और उन्हें मुख्यधारा से जोड़ना आज की सबसे बड़ी जरूरत है। इसके लिए पुलिस और सामाजिक संगठनों को मिलकर समन्वित प्रयास करने होंगे। इसी दिशा में बिलासपुर को मॉडल जिला बनाने की पहल की जा रही है। यह बात बिलासपुर रेंज के आईजी डॉ. संजीव शुक्ला ने पुलिस लाइन स्थित चेतना भवन में आयोजित कार्यक्रम के दौरान कही।

कार्यक्रम का आयोजन यूनिसेफ और काउंसिल टू सिक्योर जस्टिस की ओर से किया गया था। इसका उद्देश्य अपराध में लिप्त बच्चों के पुनर्वास और उन्हें समाज की मुख्यधारा में शामिल करने को लेकर चलाए जा रहे विशेष अभियान के तहत पुलिस अधिकारियों और कर्मचारियों को जागरूक करना था।
आईजी शुक्ला ने कहा कि नाबालिगों को सुधारने के लिए उन्हें उचित सहयोग, मार्गदर्शन और संरक्षण की जरूरत है। सिर्फ सजा देना पर्याप्त नहीं, बल्कि उन्हें ऐसा माहौल देना होगा जिससे वे दोबारा अपराध की राह पर न चलें। उन्होंने पुलिस और सामाजिक संगठनों से अपील की कि वे ऐसे बच्चों के साथ संवेदनशीलता और समझदारी से पेश आएं।
कार्यक्रम में एएसपी अर्चना झा ने बताया कि यूनिसेफ व काउंसिल टू सिक्योर जस्टिस के सहयोग से बिलासपुर जिले में विशेष अभियान चलाया जा रहा है, जिसका उद्देश्य बच्चों को अपराध के चंगुल से निकालकर उन्हें सकारात्मक जीवन की ओर ले जाना है। इस अभियान के तहत पुलिसकर्मियों को बच्चों के पुनर्वास से संबंधित जानकारी दी जा रही है।
एएसपी रजनेश सिंह ने भी कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पुलिस की जिम्मेदारियों पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि ऐसे मामलों में कानूनी कार्रवाई के साथ-साथ मानवीय पहलू को भी ध्यान में रखना जरूरी है।
कार्यक्रम में यूनिसेफ की चाइल्ड प्रोटेक्शन स्पेशलिस्ट चेतना देसाई, स्टेट कंसलटेंट गीतांजलि दासगुप्ता, शर्मिला राय, एएसपी मधुलिका सिंह, अनुज कुमार, डीएसपी मंजुलता केरकेट्टा सहित जिले के सभी थाना और चौकी प्रभारियों की उपस्थिति रही।

अधिमान्य पत्रकार छत्तीसगढ़ शासन