जनप्रतिनिधियों की भूमिका पर उठे सवाल ,क्या लोकतंत्र के प्रहरी खुद ही कानून तोड़ेंगे ?




गिरफ्तारी की जानकारी छत्तीसगढ़ विधानसभा अध्यक्ष को भेजी गई



जांजगीर-चांपा (राजू शर्मा)छत्तीसगढ़ की राजनीति एक बार फिर सवालों के घेरे में है। जनप्रतिनिधियों पर ही जब कानून तोड़ने, हिंसा करने और आम जनता की पीड़ा को अनदेखा करने के आरोप लगने लगें तब लोकतंत्र की आत्मा कांप उठती है। जांजगीर-चांपा से आई खबर तो इसी और इशारा कर रहा है ।

जांजगीर चांपा थाना क्षेत्र से जो खबर सामने आई उसमे जैजैपुर से विधायक बालेश्वर साहू के विरुद्ध शारीरिक हिंसा, गाली-गलौज और धमकी के आरोप में मामला दर्ज कर उन्हें विधिवत गिरफ्तार किया गया।
पुलिस सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक़ 10 जून 2025 को चंद्रशेखर राठौर, निवासी शंकर नगर, चांपा द्वारा थाना चांपा में एक लिखित शिकायत दर्ज कराई गई थी, जिसमें आरोप लगाया गया कि विधायक साहू ने उनके मकान की दीवार पर जबरन अपने एसी का आउटर यूनिट लगवाया है।
शिकायत के अनुसार, कई बार मौखिक आग्रह के बावजूद यूनिट नहीं हटाया गया। घटना के दिन राठौर के जीजा हेमंत राठौर, जो पेशे से ठेकेदार हैं, मौके पर मौजूद थे और उन्होंने मजदूरों से एसी यूनिट हटाने का अनुरोध किया। इस पर विधायक ने कथित तौर पर राठौर परिवार से विवाद किया और गाली-गलौज की।
शिकायत में यह भी आरोप है कि हेमंत राठौर द्वारा घटना की मोबाइल से रिकॉर्डिंग किए जाने पर विधायक ने उनका मोबाइल छीनकर वीडियो डिलीट कर दी और विरोध करने पर उन्हें थप्पड़ मारे तथा जान से मारने की धमकी दी।
जांच के उपरांत मामले में विधायक के विरुद्ध भारतीय दंड संहिता (BNS) की धारा 329(4), 296, 351(2) तथा 115(2) के तहत अपराध पंजीबद्ध किया गया।
इस संबंध में पुलिस ने बताया कि विधायक को 29 जून को विधिवत गिरफ्तार किया गया और मामले की जानकारी छत्तीसगढ़ विधानसभा अध्यक्ष को भेज दी गई है।

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