बिलासपुर. प्राचार्य पदोन्नति को लेकर दायर सभी याचिकाओं को डिविज़न बेंच ने खारिज कर दिया है.
जस्टिस रजनी दुबे एवं जस्टिस अमितेंद्र कुमार प्रसाद की बेंच में सुनवाई पूरी होने के बाद फैसला 17 जून को सुरक्षित रखा लिया था।
हाई कोर्ट में 9 जून से 17 जून तक लगातार सुनवाई हुई . जिसमे याचिकाकर्ताओं ने तथ्यों के साथ पक्ष रखा था. अतिरिक्त महाधिवक्ता के साथ इंटरविनर ने भी लाभार्थी व शासकीय पक्ष को मजबूती से रखा था। शिक्षा विभाग ने 30 अप्रैल को प्राचार्य पदोन्नति की सूची जारी की थी, जिसे हाई कोर्ट ने 1 मई को रोक लगा दिया था.




राज्य सन की ओर से अतिरिक्त महाधिवक्ता यशवंत सिंह ठाकुर ने सभी विषय पर विशेष पक्ष रखा है साथ ही छत्तीसगढ़ टीचर्स एसोसिएशन के इंटरविनर की और से अधिवक्ता अनूप मजूमदार, अमृतोदास, विनोद देशमुख, जमील अख्तर व अन्य ने भी विशेष रूप पैरवी की.
हाई कोर्ट ने सभी को सुनने के बाद फैसला 17 जून को सुरक्षित रख लिया था. कोर्ट ने आज सभी आपत्ति को खारिज करते हुए प्राचार्य पदोन्नति की जारी सूची से स्टे हटाते हुए हरी झंडी दिया, हाई कोर्ट ने शासन के पक्ष को सही माना है। नियम 15 को संशोधन करने कहा गया है। छत्तीसगढ़ टीचर्स एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष संजय शर्मा ने सचिव स्कूल शिक्षा विभाग व संचालक लोक शिक्षण छत्तीसगढ़ से भेंटकर इस विषय मे चर्चा किया था, अब जब फैसला आ गया है तो नया शिक्षा सत्र आरंभ होने के बाद तत्काल पदोन्नति होगी। स्कूल में प्राचार्य के अधिसंख्य पद रिक्त है, शालाओ में शिक्षण सत्र की तैयारियों में प्राचार्य की शीघ्र पदोन्नति जरूरी है।
सुनवाई के दौरान संजय शर्मा, मनोज सनाढ्य, मुकेश पांडेय, रामगोपाल साहू, राजेश शर्मा, चिंताराम कश्यप, चंद्रशेखर गुप्ता, तोषण गुप्ता, अनामिका तिवारी, मोहन तिवारी उपस्थित रहे.




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