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March 14, 2025 11:34 am

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जयपुर घोषणा पत्र अंगीकृत: एशिया-प्रशांत में स्थिरता की दिशा में भारत का ऐतिहासिक नेतृत्व

जयपुर।एशिया-प्रशांत क्षेत्र में सतत विकास को नई दिशा देने वाले एक ऐतिहासिक क्षण में, केंद्रीय आवासन एवं शहरी कार्य राज्य मंत्री श्री तोखन साहू ने जयपुर में आयोजित 12वें क्षेत्रीय 3R एवं परिपत्र अर्थव्यवस्था मंच में भाग लिया। इस मंच ने विभिन्न देशों को स्वच्छ, हरित और संसाधन-कुशल भविष्य की दिशा में सहयोग के लिए एक साझा मंच प्रदान किया।

कार्यक्रम के दौरान, श्री साहू ने जापान के पर्यावरण मंत्रालय में वैश्विक पर्यावरण मामलों के उपमंत्री श्री युताका मात्सुजावा के साथ भारत-जापान द्विपक्षीय संवाद में भाग लिया। इस चर्चा का उद्देश्य 3R (रिड्यूस, रीयूज, रीसायकल), संसाधन दक्षता और परिपत्र अर्थव्यवस्था के क्षेत्र में भारत-जापान सहयोग को और मजबूत करना था, जिससे सतत विकास की ठोस साझेदारियों को बढ़ावा मिल सके।

जयपुर घोषणा पत्र: स्थायी भविष्य की आधारशिला

इस मंच की सबसे महत्वपूर्ण उपलब्धि “जयपुर घोषणा पत्र” का अंगीकरण रहा, जो 2025 से 2034 तक सतत अपशिष्ट प्रबंधन और परिपत्र अर्थव्यवस्था को दिशा देने वाला एक दूरदर्शी दस्तावेज है। यह घोषणापत्र संसाधन दक्षता, सतत सामग्री उपभोग, श्रम अधिकारों और लैंगिक मुद्दों पर विशेष ध्यान देता है। साथ ही, यह निधीयन तंत्र, प्रौद्योगिकी हस्तांतरण, अनुसंधान एवं विकास और बहुपक्षीय सहयोग के माध्यम से इन उद्देश्यों को साकार करने के लिए मार्गदर्शन भी प्रदान करता है।

भारत ने इस मंच में एक वैश्विक गठबंधन C-3 (Cities Coalition for Circularity) के रूप में एक सहयोगात्मक ज्ञान मंच भी प्रस्तुत किया, जो नीति-निर्माताओं, उद्योग जगत और शोधकर्ताओं को एक साथ लाकर सतत समाधानों की दिशा में सहयोग को बढ़ावा देगा।

भारत के नेतृत्व को उजागर करता इंडिया पवेलियन

अपने दौरे के दौरान, श्री साहू ने इंडिया पवेलियन का भी अवलोकन किया, जहां भारत की 3R और परिपत्र अर्थव्यवस्था अपनाने की दिशा में क्रांतिकारी पहलों और उपलब्धियों को प्रदर्शित किया गया। इसमें अपशिष्ट से ऊर्जा उत्पादन, स्मार्ट शहरी समाधान और अन्य सतत नवाचारों के माध्यम से भारत के नेतृत्व को उजागर किया गया।

परिपत्र अर्थव्यवस्था कोई विकल्प नहीं, बल्कि अनिवार्यता: तोखन साहू

मंच के समापन सत्र में, श्री साहू ने स्थिरता को एक विकल्प नहीं, बल्कि अनिवार्यता के रूप में अपनाने का आह्वान किया। उन्होंने कहा,

“यह मंच केवल एक सम्मेलन नहीं, बल्कि एक आंदोलन है – एक ऐसे भविष्य की ओर, जहां विकास और स्थिरता साथ-साथ चलते हैं। यहां की चर्चाएँ, नवाचार और सहयोग हमारी आने वाली पीढ़ियों के लिए संसाधनों के प्रबंधन की दिशा को तय करेंगे।”

उन्होंने प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में शहरी विकास में 3R और परिपत्र अर्थव्यवस्था के सिद्धांतों को अपनाने की भारत की प्रतिबद्धता को दोहराया। साथ ही, उन्होंने CITIIS 2.0 जैसी पहलों को रेखांकित किया, जो सस्ते, स्केलेबल और सतत शहरी मॉडल विकसित करने में सहायक सिद्ध हो रही हैं।

साझा प्रयासों से बनेगा स्थायी भविष्य

मंच के समापन पर, श्री साहू ने सभी प्रतिनिधियों, वक्ताओं और आयोजकों को उनके योगदान के लिए हार्दिक आभार व्यक्त किया। उन्होंने राजस्थान सरकार और जयपुर शहर को इस ऐतिहासिक कार्यक्रम की सफल मेजबानी के लिए विशेष धन्यवाद दिया।

अपनी प्रेरणादायक समापन टिप्पणी में, उन्होंने कहा:

“आइए, इन विचारों को केवल कॉन्फ्रेंस हॉल तक सीमित न रखें। इस ऊर्जा को अपने शहरों, उद्योगों और समुदायों तक ले जाएँ। स्थिर भविष्य की ओर हमारी यात्रा आज से शुरू होती है—हमारे कार्यों, हमारे चुनावों और परिपत्र अर्थव्यवस्था के प्रति हमारी साझा प्रतिबद्धता के साथ।”

भारत का वैश्विक नेतृत्व मजबूत

जयपुर में हुए इस ऐतिहासिक आयोजन ने भारत के वैश्विक नेतृत्व को और मजबूत किया और एशिया-प्रशांत क्षेत्र में सतत विकास और परिपत्र अर्थव्यवस्था की दिशा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर स्थापित किया।

Ravi Shukla
Author: Ravi Shukla

Editor in chief

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