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May 9, 2025 10:48 am

करंट से ग्रामीणों पर मंडरा रहा संकट: हाई कोर्ट ने मांगी विस्तृत रिपोर्ट, अगली सुनवाई एक सप्ताह बाद

बिलासपुर। छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट में हाईटेंशन बिजली तारों के नीचे और आसपास करंट से ग्रामीणों के प्रभावित होने के मामले पर जनहित याचिका के तहत सुनवाई जारी है। मुख्य न्यायाधीश रमेश कुमार सिन्हा और न्यायाधीश रविन्द्र कुमार अग्रवाल की खंडपीठ ने इस समस्या पर केंद्र सरकार से विस्तृत रिपोर्ट मांगी है। शुक्रवार को हुई सुनवाई में अधिवक्ता रमाकांत मिश्रा ने कोर्ट को जानकारी दी कि विद्युत मंत्रालय द्वारा गठित समिति ने अपनी रिपोर्ट तैयार कर ली है। हालांकि, रिपोर्ट को प्रस्तुत करने के लिए समय मांगा गया, जिस पर हाई कोर्ट ने एक सप्ताह का समय देते हुए अगली सुनवाई तय की है।


हाईटेंशन लाइन के कारण बिलासपुर जिले के रतनपुर क्षेत्र के लगभग आठ गांव कछार, लोफंदी, भरारी, अमतरा, मोहतराई, लछनपुर, नवगंवा और मदनपुर गंभीर रूप से प्रभावित हो रहे हैं। इन गांवों में हाईटेंशन तारों के नीचे और टावरों के आसपास जमीन में करंट फैल रहा है, जिससे ग्रामीणों और मवेशियों की जान को बड़ा खतरा है। करंट के डर से हजारों एकड़ में खेती बंद हो चुकी है। भयभीत ग्रामीण रबड़ के जूते और बूट पहनकर खेतों में जाने को मजबूर हैं, फिर भी करंट लगने की घटनाएं रोज हो रही हैं। बच्चों और मवेशियों के लिए यह खतरा और भी अधिक है। इन गांवों में लगभग 20 हाईटेंशन टावरों की मौजूदगी के कारण समस्या गंभीर बनी हुई है। मीडिया रिपोर्ट्स में इस समस्या के प्रकाश में आने के बाद हाई कोर्ट ने इसे जनहित याचिका के रूप में स्वीकार किया। पिछली सुनवाई में अधिवक्ता अतनु घोष ने कोर्ट को जानकारी दी थी कि विद्युत मंत्रालय की एक समिति ट्रांसमिशन लीकेज की समस्या के समाधान पर काम कर रही है। अब समिति की रिपोर्ट 17 जनवरी को प्रस्तुत होनी थी, लेकिन इसके लिए एक सप्ताह का अतिरिक्त समय मांगा गया। हाई कोर्ट ने यह समय प्रदान करते हुए मामले की अगली सुनवाई निर्धारित की है।

रवि शुक्ला
रवि शुक्ला

अधिमान्य पत्रकार छत्तीसगढ़ शासन

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