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March 18, 2025 10:50 pm

IAS Coaching

नशा समाज को कर रहा खोखला, रोक जरूरी

बिलासपुर। नशीले पदार्थों की बढ़ती समस्या से निपटने के लिए पुलिस ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। पुलिस लाइन में आयोजित एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला में आईजी डॉ. संजीव शुक्ला ने नशीले पदार्थों के तस्करों और सप्लाई चेन को नष्ट करने पर जोर दिया।

आईजी डॉ. शुक्ला ने कहा कि नशा पूरे समाज को खोखला कर रहा है और इसे रोकने के लिए कठोर कार्रवाई की जरूरत है। उन्होंने कहा कि नशीले पदार्थों के मामलों की जांच में इंड टू इंड जांच करना बहुत जरूरी है। साथ ही, नशीले पदार्थों की बिक्री से कमाई गई संपत्ति को जब्त करना भी आवश्यक है ताकि तस्करों का आर्थिक आधार खत्म किया जा सके।

इस प्रशिक्षण कार्यशाला में एनडीपीएस (नारकोटिक्स ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंसेज) मामलों की जांच से जुड़े विभिन्न पहलुओं पर विस्तार से चर्चा की गई। एनसीबी के असिस्टेंट डायरेक्टर रविशंकर जोशी ने प्रशिक्षण का महत्व बताते हुए कहा कि एनडीपीएस मामले बहुत ही संवेदनशील होते हैं और इनकी जांच के लिए विशेषज्ञता की आवश्यकता होती है।
कार्यशाला में विवेचकों को नशीले पदार्थों की जांच, जब्ती, नमूने लेने, वित्तीय जांच और नशीले पदार्थों के निस्तारण जैसे विषयों पर प्रशिक्षण दिया गया। प्रशिक्षण के दौरान यह भी बताया गया कि कैसे नशीले पदार्थों के तस्करों के खिलाफ मजबूत मुकदमे तैयार किए जा सकते हैं।
आईजी डॉ. शुक्ला ने कहा कि नशीले पदार्थों के तस्कर बहुत ही चालाक होते हैं और वे लगातार नए तरीके अपनाते हैं। ऐसे में पुलिस को भी लगातार अपडेट रहना होगा और नए तरीकों से तस्करों का मुकाबला करना होगा। उन्होंने कहा कि नशीले पदार्थों के तस्करों के खिलाफ सफल कार्रवाई के लिए पुलिस और न्यायपालिका का आपसी समन्वय बहुत जरूरी है।
आईजी डॉ. शुक्ला ने कहा कि नशा मुक्ति के लिए केवल पुलिस का प्रयास ही काफी नहीं है बल्कि समाज का सहयोग भी बहुत जरूरी है। उन्होंने लोगों से अपील की कि वे नशीले पदार्थों के खिलाफ लड़ाई में पुलिस का साथ दें।
यह प्रशिक्षण कार्यशाला नशीले पदार्थों के खिलाफ लड़ाई में एक महत्वपूर्ण कदम है। इससे पुलिस अधिकारियों को एनडीपीएस मामलों की जांच में और अधिक कुशल बनाया जा सकेगा। उम्मीद है कि इस प्रशिक्षण के बाद पुलिस नशीले पदार्थों के तस्करों के खिलाफ और अधिक प्रभावी कार्रवाई करने में सक्षम होगी।

Ravi Shukla
Author: Ravi Shukla

Editor in chief

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