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January 22, 2025 8:46 pm

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प्रशासन के बुलडोजर पर छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने लगाई रोक ,मिशन अस्पताल ढहाने का मामला


बिलासपुर। क्रिश्चियन वुमन बोर्ड ऑफ मिशन की याचिका पर सुनवाई के बाद छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट में मिशन अस्पताल को ढहाने की जिला प्रशासन द्वारा की जा रही कार्रवाई पर रोक लगा दी है। कोर्ट ने राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग को मामले का 15 दिनों में निराकरण करने का निर्देश दिया है। दरअसल याचिकाकर्ता ने कोर्ट को बताया कि संभागायुक्त के कोर्ट के आदेश को उसने सचिव राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग में चुनौती दी है। सचिव द्वारा निराकरण किए जाने से पहले ही जिला प्रशासन ने कार्रवाई शुरू कर दी है।


मिशन अस्पताल की जमीन की लीज निरस्त होने के बाद जिला प्रशासन ने अपने कब्जे में ले लिया है। नगर निगम के इंजीनियरों की कमेटी बनाकर कैंपस में स्थापित भवनों का तकनीकी परीक्षण कराया गया। भवनों को ढहाने की कार्यवाही जिला प्रशासन ने बुधवार की शुरू की थी। इसके खिलाफ क्रिश्चियन वूमेन एंड बोर्ड ऑफ मिशन ने अर्जेंट हियरिंग के लिए याचिका दायर की थी । जस्टिस बीडी गुरु की सिंगल बेंच में सुनवाई हुई और गुरुवार की सुबह इसकी हियरिंग रखी गई थी। सुनवाई के दौरान क्रिश्चियन वूमेन एंड बोर्ड ऑफ मिशन के अधिवक्ताओं ने बताया कि संभाग आयुक्त के न्यायालय से अपील खारिज हो जाने के बाद उन्होंने सचिव राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग के यहां अपील की है। अपील लंबित रहने के बावजूद भी जिला प्रशासन के द्वारा तोड़फोड़ की कार्यवाही शुरू कर दी गई। जबकि अपील के अंतिम निराकरण तक कोई कार्रवाई नहीं की जानी थी। तर्कों को सुनने के पश्चात सिंगल बेंच ने सचिव राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग को क्रिश्चियन वूमेन एंड बोर्ड ऑफ मिशन की अपील का 15 दिनों में निराकरण करने का आदेश दिया है। अपील के निराकरण होने तक किसी भी किस्म के तोड़फोड़ की कार्यवाही पर रोक लगाई गई है।

क्या है मामला
सेवा के नाम से 11 एकड़ जमीन लीज पर दी गई थी। लीज पर जमीन लेकर डायरेक्टर रमन जोगी ने इसे चौपाटी बनाकर किराए पर चढ़ा दिया और इसके एवज में हर महीने लाखों रुपये कमाने लगे थे। कैम्पस के भीतर एक रेस्टोरेंट भी इस पर संचालित हो रहा था।
लीज की शर्तों का उल्लंघन कर व्यावसायिक उपयोग करने पर कलेक्टर अवनीश शरण ने दस्तावेजों की पड़ताल करने का निर्देश दिया था। जब रिकॉर्ड मंगवाए गए तब चौंकाने वाले खुलासे हुए। सन 1966 में लीज का नवीनीकरण कराते हुए इसे 1994 तक के लिए बढ़ाई गई थी। 31 अप्रैल 1994 तक लीज की अवधि थी। लीज की अवधि बढ़ाने के समय इसमें कई शर्तें भी लागू की गई थी। लीज धारकों ने शर्तों का उल्लंघन करते हुए सेवा के नाम पर लीज लेकर व्यवासायिक उपयोग करने लगे और लाखों रुपये किराए भी वसूल करने लगे थे।
मिशन अस्पताल की स्थापना वर्ष 1885 में हुई थी। इसके लिए क्रिश्चियन वुमन बोर्ड ऑफ मिशन हॉस्पिटल बिलासपुर ,तहसील व जिला बिलासपुर छत्तीसगढ़ को जमीन आवंटित की थी। यह मोहल्ला चांटापारा शीट नंबर 17, प्लाट नंबर 20/1 एवं रकबा 382711 एवं 40500 वर्गफीट है। 1966 में लीज का नवीनीकरण कर साल 1994 तक लीज बढ़ाई गई थी। पुलिस की अवधि 31 अप्रैल 1994 तक के लिए थी। जिसमें मुख्य रूप से निर्माण में बदलाव एवं व्यवसायिक गतिविधियां बिना कलेक्टर की अनुमति के न किए जाने की शर्त थी। पुलिस की नवीनीकरण उपरांत सीट नंबर 14 प्लाट नंबर 20 रकबा 474790 में से 92069 वर्गफीट अन्य व्यक्ति को रजिस्टर्ड विक्रय पत्र के माध्यम से विक्रय भी किया गया था। इसके साथ ही किराए पर अन्य प्रतिष्ठानों को दे इसे कमाई का माध्यम बना लिया गया था। 1994 को लीज खत्म होने के बाद 30 वर्षों तक लीज का नवीनीकरण नहीं करवाया गया था।

Ravi Shukla
Author: Ravi Shukla

Editor in chief

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