राजस्थान बालोतरा। खनन विभाग और पुलिस की सख्ती में थोड़ी ढील मिलते ही बजरी माफिया एक बार फिर सक्रिय हो गए हैं। लूणी नदी के तटवर्ती गांव बिठूजा, जसोल, सांकरणा, खेड़, तिलवाड़ा और वजावास के आसपास अवैध बजरी खनन जोरों पर है। ट्रैक्टर-ट्रॉली की आवाजाही से लूणी नदी का इलाका अस्थायी खदान में बदल गया है।




तेज रफ्तार में दौड़ते ट्रैक्टर जहां-तहां बजरी बिखेरते हुए सड़कों पर खतरा बनते जा रहे हैं। बताया जाता है कि खनन विभाग की मौजूदगी कम होते ही माफियाओं ने मौके का फायदा उठाया। अवैध खनन से जुड़े लोगों ने खड़े अपने ट्रैक्टरों को एक बार फिर नदी में उतार दिया है। बालोतरा का खेड़ और जसोल गांव इन दिनों बजरी माफियाओं का गढ़ बन गए हैं। खासतौर पर खेड़ और कलावा के बीच बबूल की झाड़ियों में अवैध खनन और बजरी के स्टॉक खुलेआम देखे जा सकते हैं। दिनभर ट्रैक्टरों की आवाजाही और स्टॉकिंग से यह क्षेत्र अब बजरी के अवैध कारोबार का केंद्र बन गया है। प्रशासन की ओर से पहले किए गए कार्रवाई के बावजूद यह कारोबार थमता नजर नहीं आ रहा।




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