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March 14, 2025 6:31 pm

IAS Coaching

गोल्डन लाइन विस्तार: डीएमआरसी फेज-IV में 1,550 मीटर टनलिंग कार्य पूरा

टनल ब्रेकथ्रू से दिल्ली मेट्रो विस्तार को मिली नई गति: केंद्रीय मंत्री तोखन साहू

नई दिल्ली, दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (डीएमआरसी) के फेज-IV विस्तार में एक बड़ी उपलब्धि हासिल हुई है। वसंत कुंज मेट्रो स्टेशन पर आयोजित एक भव्य समारोह में केंद्रीय आवासन एवं शहरी कार्य राज्य मंत्री श्री तोखन साहू ने 1,550 मीटर लंबी टनलिंग के सफल निर्माण का उद्घाटन किया। इस कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल, दिल्ली सरकार के मंत्री डॉ. पंकज कुमार सिंह, और डीएमआरसी के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।

गोल्डन लाइन (एयरपोर्ट – तुगलकाबाद कॉरिडोर) के तहत किशनगढ़ से वसंत कुंज स्टेशन तक टनलिंग का कार्य पूरा हो गया है। इस परियोजना में 14 टनल बोरिंग मशीन (TBM) सक्रिय हैं। इस मौके पर श्री साहू ने कहा, “यह सफलता दिल्ली को विश्वस्तरीय मेट्रो नेटवर्क के और करीब लाएगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में हम आधुनिक, टिकाऊ और किफायती परिवहन प्रणाली विकसित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।”

वैश्विक सतत विकास शिखर सम्मेलन 2025 में भारत की शहरी विकास यात्रा पर जोर

दिल्ली के विज्ञान भवन में आयोजित वैश्विक सतत विकास शिखर सम्मेलन 2025 में केंद्रीय मंत्री तोखन साहू ने भारत की सतत शहरी विकास यात्रा पर विचार साझा किए। इस शिखर सम्मेलन में वैश्विक नीति-निर्माता, पर्यावरणविद और उद्योग जगत के विशेषज्ञ शामिल हुए।

अपने संबोधन में श्री साहू ने कहा, “भारत की संस्कृति में परिपत्र अर्थव्यवस्था (Circular Economy) गहराई से समाहित है। हमें अपशिष्ट में कमी, पुनर्चक्रण और संसाधनों के पुनः उपयोग को अपनी जीवनशैली का हिस्सा बनाना होगा।” उन्होंने स्वच्छ भारत मिशन और अमृत योजना (AMRUT) के माध्यम से सतत विकास की दिशा में भारत की प्रगति पर भी प्रकाश डाला।

भारत की वैश्विक स्थिरता में अग्रणी भूमिका

श्री साहू ने भारत की G20 अध्यक्षता का उल्लेख करते हुए कहा कि भारत सतत विकास और हरित अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए वैश्विक स्तर पर अग्रणी भूमिका निभा रहा है। उन्होंने कहा,

“सतत विकास तभी संभव है जब वह समावेशी हो। हम वैश्विक समन्वय को बढ़ावा देकर स्थिरता के नए मानक स्थापित कर रहे हैं।”

उन्होंने भारत में C&D वेस्ट (निर्माण और विध्वंस अपशिष्ट) से सड़क निर्माण, फ्लाई ऐश ईंटों के उपयोग, और स्वदेशी हरित नवाचारों पर भी चर्चा की।

CPWD की GHAR (Green, Healthy, Affordable, Resilient) बिल्डिंग रेटिंग को अंतरराष्ट्रीय मानकों के समकक्ष बताते हुए उन्होंने कहा कि यह ऊर्जा दक्षता को बढ़ावा देगा और पर्यावरण-अनुकूल निर्माण को प्रोत्साहित करेगा।

वन्यजीव संरक्षण और सतत विकास

अपने संबोधन में श्री साहू ने भारत के वन्यजीव संरक्षण प्रयासों पर भी जोर दिया। उन्होंने बताया कि पिछले कुछ वर्षों में सिंह, बाघ, तेंदुए और गंगा डॉल्फिन की संख्या में वृद्धि हुई है। उन्होंने कहा,

“हमारा सतत विकास केवल पर्यावरण तक सीमित नहीं है, बल्कि वन्यजीव संरक्षण भी हमारी राष्ट्रीय पहचान का अभिन्न हिस्सा है।”

नवाचार और सतत भविष्य की दिशा में भारत के कदम

श्री साहू ने तकनीकी नवाचार को सतत विकास की कुंजी बताते हुए शिक्षाविदों, शोधकर्ताओं और स्टार्टअप्स से इस दिशा में आगे बढ़ने का आह्वान किया। उन्होंने कहा,

“जब परंपरा और तकनीक साथ मिलती हैं, तभी हम एक स्थायी भविष्य की ओर बढ़ सकते हैं।”

उन्होंने जयपुर डिक्लेरेशन का जिक्र करते हुए बताया कि अगले 10 वर्षों में 3R (Reduce, Reuse, Recycle) के तहत परिपत्र अर्थव्यवस्था को मजबूत किया जाएगा।

शिखर सम्मेलन के अंत में उन्होंने सभी प्रतिभागियों का धन्यवाद करते हुए कहा,

“हमें इन विचारों को केवल सम्मेलन कक्षों तक सीमित नहीं रखना चाहिए, बल्कि अपने शहरों, उद्योगों और समुदायों में लागू करना चाहिए। सतत भविष्य की यात्रा आज से शुरू होती है!”

Ravi Shukla
Author: Ravi Shukla

Editor in chief

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