दंतेवाड़ा – दंतेवाड़ा जिले में चल रहे नक्सल उन्मूलन अभियान ‘लोन वर्राटू’ (घर वापस आइए) से प्रभावित होकर दो इनामी महिला माओवादियों ने आत्मसमर्पण कर दिया। आत्मसमर्पण करने वाली माओवादियों में प्लाटून नंबर 24 की सदस्या भीमे वेट्टी (इनामी ₹2 लाख) और मलांगेर/पालनार एलओएस सदस्या जोगी कुंजाम (इनामी ₹1 लाख) शामिल हैं।




पुलिस अधिकारियों के समक्ष आत्मसमर्पण



इन दोनों महिला माओवादियों ने पुलिस उप महानिरीक्षक दंतेवाड़ा रेंज श्री कमलोचन कश्यप (भा.पु.से.), पुलिस अधीक्षक दंतेवाड़ा श्री गौरव राय (भा.पु.से.), अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक श्री स्मृतिक राजनाला (भा.पु.से.), अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक श्रीमती पूजा कुमार (भा.पु.से.) और अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक श्री रामकुमार बर्मन (रा.पु.से.) के समक्ष डीआरजी कार्यालय दंतेवाड़ा में आत्मसमर्पण किया।

नक्सली विचारधारा से तंग आकर किया आत्मसमर्पण

लंबे समय तक नक्सली संगठनों में सक्रिय रहने वाली इन दोनों महिला माओवादियों ने पुलिस और प्रशासन से लगातार संपर्क के बाद आत्मसमर्पण करने का निर्णय लिया। नक्सलियों की अमानवीय और हिंसक विचारधारा, संगठन के भीतर मतभेद, स्थानीय आदिवासियों पर हो रहे अत्याचार और जंगल में रहने की कठिनाइयों से परेशान होकर उन्होंने समाज की मुख्यधारा में लौटने का फैसला किया।
पुनर्वास नीति के तहत सहायता
छत्तीसगढ़ शासन की पुनर्वास नीति के तहत आत्मसमर्पित माओवादियों को ₹25,000 की आर्थिक सहायता, तीन वर्ष तक मुफ्त आवास और भोजन, कौशल विकास प्रशिक्षण, कृषि भूमि जैसी सुविधाएं प्रदान की जाएंगी।
अब तक 904 माओवादी आत्मसमर्पण कर चुके

पुलिस और सुरक्षा बलों के सतत प्रयासों से ‘लोन वर्राटू’ अभियान के तहत अब तक 217 इनामी नक्सलियों सहित कुल 904 माओवादी आत्मसमर्पण कर चुके हैं। आत्मसमर्पण कराने में डीआरजी (डिस्ट्रिक्ट रिजर्व गार्ड) और बस्तर फाइटर्स की महत्वपूर्ण भूमिका रही।
पुलिस की अपील – हिंसा छोड़कर लौटें मुख्यधारा में
जिला पुलिस और प्रशासन ने अन्य नक्सलियों से भी अपील की है कि वे हिंसा का रास्ता छोड़कर ‘लोन वर्राटू’ अभियान के तहत समाज की मुख्यधारा में लौटें और एक नया जीवन शुरू करें।

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