बिलासपुर। साइबर जालसाजी के मामलों में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। जालसाजों के झांसे में आकर कई लोग अपनी जीवनभर की कमाई गंवा चुके हैं, वहीं कुछ मामलों में लोगों ने जान तक दे दी है। सकरी थाना क्षेत्र में दर्ज एक मामले ने एक बार फिर इस गंभीर समस्या की ओर ध्यान खींचा है। पुलिस जहां एक ओर मामलों की जांच कर रही है, वहीं दूसरी ओर जालसाजों और म्यूल एकाउंट धारकों पर शिकंजा कसने की कार्रवाई तेज कर दी गई है।
सकरी क्षेत्र में रहने वाले कामेश्वर निर्मलकर ने 18 जुलाई 2023 को ट्रेन के सामने आकर आत्महत्या कर ली थी। जांच में सामने आया कि वह साइबर ठग गिरोह के संपर्क में आ गया था। जालसाजों ने उसके बैंक खाते का इस्तेमाल कर मोटी रकम का लेनदेन किया। इस लेनदेन को लेकर बैंक द्वारा पूछताछ की जा रही थी। जांच और कार्रवाई के डर से मानसिक दबाव में आकर उसने आत्मघाती कदम उठा लिया। इस मामले में अब पुलिस साइबर ठग गिरोह से जुड़े आरोपियों की तलाश कर रही है।
पुलिस के अनुसार, ऐसे कई मामले अब भी जांच में हैं, जिनमें लोगों को लालच या डर दिखाकर जालसाजी का शिकार बनाया गया। कई पीड़ितों ने अपनी जमा पूंजी खो दी, जिससे उनके परिवार आर्थिक संकट में आ गए। पुलिस का कहना है कि जागरूकता के बावजूद लोग आसानी से ठगों के बहकावे में आ जाते हैं।
म्यूल एकाउंट धारकों पर कार्रवाई तेज
केंद्र सरकार से मिल रही जानकारी के आधार पर पुलिस अब म्यूल एकाउंट धारकों की पहचान कर उनके खिलाफ कार्रवाई कर रही है। चार दिन पहले ही एक म्यूल एकाउंट धारक को गिरफ्तार किया गया है। आरोपी ट्रेन में कोच अटेंडर का काम करता था और लोगों को कमीशन का लालच देकर उनके बैंक खाते हासिल करता था। इन खातों का इस्तेमाल वह दूसरे प्रदेशों में बैठे साइबर जालसाजों तक पहुंचाने में करता था। पुलिस अब आरोपी से मिली जानकारी के आधार पर पूरे गिरोह की तलाश कर रही है।
फर्जी सिम बेचने वालों पर भी शिकंजा
रेंज साइबर पुलिस ने दूसरे के दस्तावेज का इस्तेमाल कर मोबाइल सिम बेचने वालों के खिलाफ भी सख्त कार्रवाई की है। जिले के अलग-अलग थाना क्षेत्रों में ऐसे मामलों में कार्रवाई की गई है। पुलिस ने सिम विक्रेताओं को चेतावनी दी है कि वे इस तरह की अवैध गतिविधियों से दूर रहें। कार्रवाई के बाद जिले में दूसरे के दस्तावेज पर सिम बेचने की घटनाओं में कमी आई है।
ऐसे करें बचाव
पुलिस ने लोगों से अपील की है कि किसी भी कंपनी या संस्था की वेबसाइट पर जाने से पहले उसकी प्रामाणिकता की जांच करें और केवल एचटीटीपीएस वाली वेबसाइट का ही उपयोग करें। किसी लिंक के जरिए भेजे गए एप को डाउनलोड न करें। बैंक या कोई भी संस्था लिंक भेजकर एप डाउनलोड करने या गोपनीय जानकारी मांगने का काम नहीं करती। इनाम, बिना मेहनत के रुपये कमाने या घर बैठे लोन देने के लालच से दूर रहें।
फर्जी वेबसाइटों का जाल
इंटरनेट पर बड़ी कंपनियों, वित्तीय और सरकारी संस्थानों के नाम से फर्जी वेबसाइटों की भरमार है। ये वेबसाइट असली जैसी दिखती हैं और लोगों को भ्रमित कर देती हैं। इन पर दिए गए हेल्प डेस्क नंबरों के जरिए जालसाज लोगों को ठग लेते हैं। पुलिस ने लोगों से सतर्क रहने और किसी भी संदेह की स्थिति में तुरंत पुलिस या साइबर हेल्पलाइन से संपर्क करने की अपील की है।
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