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October 16, 2025 5:30 pm

आदर्श दुर्गोत्सव समिति की चुनरी यात्रा में उमड़ा आस्था का सैलाब

हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश, मंत्री और अधिकारी पहुंचे बिलासपुर की महारानी के दर्शन करने

बिलासपुर। दुर्गा महोत्सव की भव्यता आज गोडपारा, सुभाष नगर में देखने को मिली। आदर्श दुर्गोत्सव समिति की ओर से हरदेव लाला मंदिर से निकाली गई चुनरी यात्रा ने पूरे शहर का ध्यान खींचा। 1458 मीटर लंबी चुनरी यात्रा में 500 से अधिक महिलाओं ने भाग लिया। गाजे-बाजे, भक्ति गीत और श्रद्धा से सराबोर वातावरण ने इस आयोजन को खास बना दिया।

सुबह विधि-विधान के साथ मां दुर्गा की स्थापना और पूजा-अर्चना के बाद दोपहर में हरदेव लाला मंदिर से यह परंपरागत चुनरी यात्रा आरंभ हुई। ढोल-नगाड़ों की थाप, लोकगीतों और रंग-बिरंगे परिधानों के साथ महिलाएं पग-पग पर माता रानी के प्रति अपनी श्रद्धा व्यक्त कर रही थीं। यात्रा पूजा पंडाल पहुंचने पर चुनरी अर्पित करने के लिए नदी किनारे होते हुए वापस पंडाल पर समाप्त हुई जहां विशेष रूप से बिलासपुर की महारानी के दर्शन और पूजा संपन्न हुई।

इस अवसर पर छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति रमेशचंद्र सिन्हा परिवार सहित आए और उन्होंने माता रानी के दर्शन कर पूजा-अर्चना की। उन्होंने पंडाल की सजावट और देवी प्रतिमा की बनावट की खुले रूप में प्रशंसा की। हाईकोर्ट के अन्य न्यायाधीश बी.डी. गुरु भी परिवार सहित उपस्थित रहे। प्रदेश शासन के वन मंत्री केदार कश्यप ने भी मंदिर में पहुंचकर पूजा-अर्चना की और समिति तथा आयोजकों की प्रशंसा की।

विशेष रूप से जिले के कलेक्टर संजय अग्रवाल और एसएसपी रजनेश सिंह दोनों ने पंडाल का निरीक्षण किया और प्रशासनिक तथा सुरक्षा व्यवस्थाओं का जायजा लिया। इसके अलावा जिला प्रशासन और अन्य जनप्रतिनिधि भी उपस्थित रहे। 

समिति के अध्यक्ष जवाहर सराफ ने बताया कि दूर-दराज के ग्रामीण इलाकों से बड़ी संख्या में श्रद्धालु सुबह से ही माता रानी के दर्शन के लिए पहुंचे हुए हैं। समिति की महिला अध्यक्ष अर्चना सराफ समेत महेश दुबे सुभाष सराफ अमित दुबे नवीन चंद्र दुबे और विवेक सराफ सहित कई पदाधिकारी लगातार कार्यक्रम का संचालन कर रहे थे।

पंडाल परिसर में गरबा का आयोजन हुआ और कन्याओं का चरण बनाकर पूजन भी संपन्न हुआ। कुल मिलाकर आज 56 भोग देवी मां को अर्पित किए गए। आयोजकों का कहना है कि पहली बार छत्तीसगढ़ के इतिहास में बिलासपुर के इस पंडाल में प्रतिदिन इतनी बड़ी संख्या में श्रद्धालु आ रहे हैं, जिसके कारण पंडाल के आसपास कई बार जाम की स्थिति बन रही है। समिति ने इसे ध्यान में रखते हुए सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए हैं 40 गार्ड तैनात किए गए हैं और यातायात एवं व्यवस्थाओं को सुचारू रखने के लिए सदस्य समन्वय में लगे हुए हैं।

स्थानीय लोगों श्रद्धालुओं और आयोजकों की एकता ने इस धार्मिक आयोजन को न केवल पारंपरिक बल्कि सामुदायिक उत्सव में बदल दिया है। चुनरी यात्रा के माध्यम से महिलाओं ने परिवार, समाज और शहर की सुख-समृद्धि की कामना की और यह कार्यक्रम आध्यात्मिक श्रद्धा के साथ-साथ बिलासपुर की सांस्कृतिक पहचान बनकर उभरा है।

रवि शुक्ला
रवि शुक्ला

प्रधान संपादक

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