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October 17, 2025 3:51 am

हाई कोर्ट ने कहा, अवमानना याचिका को आगे जारी करने का औचित्य नहीं है, निरीक्षण रिपोर्ट को रिकार्ड में लेने जारी किया आदेश

बिलासपुर। हाईकोर्ट ने एक किसान की जमीन में नाली का पानी भरने की समस्या को लेकर दायर अवमानना याचिका को निराकृत कर दिया है। जस्टिस नरेंद्र कुमार व्यास की बेंच ने कहा कि चाहे समस्या एक व्यक्ति की ही क्यों न हो, राज्य की जिम्मेदारी है कि निकासी व्यवस्था तकनीकी रूप से मजबूत हो ताकि किसी भी नागरिक को नुकसान न पहुंचे।
याचिकाकर्ता संजय कुमार राठौर, ग्राम सोनसरी, जिला जांजगीर-चांपा ने पहले हाईकोर्ट में याचिका दायर कर शिकायत की थी कि नाली का पानी सीधे उसके खेत में भर रहा है, जिससे खेती प्रभावित हो रही है। इस पर कोर्ट ने आदेश जारी करते हुए कहा था कि, 90 दिन के भीतर वैकल्पिक व्यवस्था बनाई जाए ताकि खेत में पानी न गिरे। शुक्रवार को सुनवाई के दौरान जनपद पंचायत अकलतरा के मुख्य कार्यपालन अधिकारी हिमांशु गुप्ता कोर्ट में उपस्थित हुए। उन्होंने बताया कि 19 सितंबर को
सब इंजीनियर द्वारा निरीक्षण किया गया था। रिपोर्ट में स्पष्ट किया गया है कि, 600 एमएम डायमीटर की ह्यूम पाइप खेत के नीचे डालने से पानी सीधे नहर में निकाला जा सकेगा और इससे न तो खेती पर असर पड़ेगा और न ही याचिकाकर्ता को नुकसान होगा।

कोर्ट ने पाया कि, अधिकारियों ने खेत की सुरक्षा और पानी निकासी के लिए प्रस्ताव तैयार कर दिया है और आदेश का पालन भी कर लिया गया है। कोर्ट ने माना कि चूंकि आदेश का पालन किया जा चुका है और समाधान प्रस्तुत कर दिया गया है, इसलिए अवमानना याचिका को आगे बढ़ाने की आवश्यकता नहीं है। कोर्ट ने अवमानना याचिका को समाप्त करते हुए निरीक्षण रिपोर्ट और नक्शे को रिकार्ड में लेने का आदेश दिया है। याचिकाकर्ता ने अविनाश चम्पावत – सचिव, राजस्व विभाग, जन्मेजय महोबे-कलेक्टर, जिला जांजगीर-चांपा, हिमांशु गुप्ता, मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जनपद पंचायत अकलतरा, जिला जांजगीर-चांपा, विक्रांत आंचल, (एसडीओ), अकलतरा, प्रशांत गुप्ता, नायब तहसीलदार, तहसील अकलतरा, सनत कुमार साहू, सचिव, ग्राम पंचायत सोनसरी, तहसील अकलतरा, उमेश कुमार साहू-सरपंच, ग्राम सोनसरी, मधुरी राठौर-पूर्व जनपद सदस्य, जनपद पंचायत सोनसरी को पक्षकार बनाया था।

रवि शुक्ला
रवि शुक्ला

प्रधान संपादक

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