Explore

Search

October 17, 2025 3:51 am

दिव्यांग बेटे को गुजारा भत्ता देने हाई कोर्ट ने मां को जारी किया आदेश

बिलासपुर। हाई कोर्ट ने मां को अपने 7 साल के 90 फीसदी दिव्यांग बेटे के भरण-पोषण के लिए हर महीने 5 हजार रुपए देने के फैमिली कोर्ट के आदेश को बरकरार रखा है। चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा की बेंच ने फैमिली कोर्ट के आदेश के खिलाफ मां की अपील को खारिज करते हुए कहा कि बच्चे के प्रति माता-पिता की समान जिम्मेदारी होती है।
बिलासपुर निवासी व्यक्ति ने पत्नी के खिलाफ भरण पोषण के लिए फैमिली कोर्ट में याचिका लगाई थी। इसमें बताया कि उनकी शादी 9 फरवरी 2009 को हुई थी। पत्नी ने शादी के बाद एमएससी पूरी की और ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी के पद पर नियुक्त हुईं। उनका एक 7 साल का बेटा है, जो 90 फीसदी दिव्यांग है। आरोप लगाया कि 3 नवंबर 2017 को बच्चे को छोड़कर पत्नी अपने मायके गई और उसके बाद ससुराल वापस नहीं लौटी। पत्नी सरकारी नौकरी में है, उसकी सैलरी करीब 30 हजार रुपए है। कहा कि पत्नी अपने बेटे की जिम्मेदारी से भाग रही है, जबकि उनका बेटा दिव्यांग है और उसे विशेष देखभाल की जरूरत है। फैमिली कोर्ट ने याचिका मंजूर करते हुए 8 जनवरी 2021 को दिए गए फैसले में ग्रामीण कृषि विकास विस्तार अधिकारी के पद पर कार्यरत महिला को बेटे के भरण-पोषण के लिए हर महीने 5,000 रुपए देने के आदेश दिए थे।
फैमिली कोर्ट के आदेश के खिलाफ महिला ने हाई कोर्ट में अपील की। तर्क दिया कि पति अक्षता इंफ्राटेक प्राइवेट लिमिटेड के डायरेक्टर हैं। आर्थिक रूप से सक्षम हैं। उनके पास कृषि भूमि और
कार भी है। वह खुद अपने बेटे का भरण पोषण कर सकते हैं। यह भी कहा कि पति ने अपनी आय के बारे में सही जानकारी नहीं दी है और उन्होंने अपनी आर्थिक स्थिति छिपाई है।

रवि शुक्ला
रवि शुक्ला

प्रधान संपादक

Advertisement Carousel
CRIME NEWS

BILASPUR NEWS