बिलासपुर। हाई कोर्ट ने रेलवे ठेकेदार व उद्योगपति सुशील झाझरिया की रिट याचिका को खारिज कर दिया है। याचिकाकर्ता ने सीबीआई द्वारा दर्ज एफआईआर को निरस्त करने की मांग की थी। याचिकाकर्ता न्यायिक हिरासत में हैं। सीबीआई ने 25 अप्रैल 2025 को एफआईआर दर्ज की थी, मामला भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 की धारा 7, 8, 9, 10 और 12 तथा भारतीय न्याय संहिता की धारा 61 (2) के तहत दर्ज हुआ था। गिरफ्तारी के बाद से झाझरिया ने सीबीआई की कार्रवाई को निरस्त करने की मांग करते हुए याचिका दायर की थी।
सीबीआई की ओर से अधिवक्ता बी. गोपा कुमार ने वीडियो कान्फ्रेंसिंग के जरिए पक्ष रखा। अधिवक्ता ने कोर्ट को बताया कि विस्तृत जांच के बाद सीबीआई ने एफआईआर दर्ज की और अब चार्जशीट भी दाखिल कर दी गई है। मामले में ट्रायल कोर्ट द्वारा संज्ञान लिया जाना शेष है। सुनवाई के बाद चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा और जस्टिस बी.डी. गुरु की डिवीजन बेंच ने कहा कि, जब चार्जशीट दाखिल हो चुकी है और ट्रायल कोर्ट संज्ञान लेने की प्रक्रिया में है, तो सीधे हाई कोर्ट से एफआईआर रद्द करने का आदेश नहीं दिया जा सकता। याचिकाकर्ता को अब यह स्वतंत्रता है कि, वे चार्जशीट और संज्ञान आदेश के खिलाफ कानूनी प्रक्रिया के तहत उचित मंच पर चुनौती दें। इस आधार पर कोर्ट ने याचिका को वापस लेने की अनुमति देते हुए खारिज कर दिया।

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