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July 24, 2025 2:10 am

एसईसीएल में मिशन संजीवनी के तहत एचपीवी टीकाकरण अभियान प्रारंभ

महिला कर्मचारियों और परिवारजनों के स्वास्थ्य की दिशा में अहम पहल

बिलासपुर।एसईसीएल ने महिला स्वास्थ्य सुरक्षा की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए मिशन संजीवनी एचपीवी टीकाकरण अभियान की औपचारिक शुरुआत की। इस अभियान का शुभारंभ एसईसीएल मुख्यालय स्थित इन्दिरा विहार स्वास्थ्य केंद्र में कंपनी के अध्यक्ष-सह-प्रबंध निदेशक श्री हरीश दुहन द्वारा किया गया।

इस अवसर पर निदेशक मानव संसाधन बिरंची दास, निदेशक वित्त डी. सुनील कुमार, मुख्य सतर्कता अधिकारी हिमांशु जैन श्रद्धा महिला मण्डल की अध्यक्षा श्रीमती शशि दुहन उपाध्यक्षा श्रीमती अनीता फ्रैंकलिन सीएमएस डॉ. प्रतिभा पाठक डॉ. श्रुति देव मिश्रा समेत विभाग प्रमुख श्रम संघ प्रतिनिधि, अधिकारी व कर्मचारी उपस्थित रहे।

सीएमडी हरीश दुहन ने कहा कि एचपीवी टीकाकरण अभियान महिला स्वास्थ्य को सशक्त बनाने और कैंसर जैसे गंभीर रोग की रोकथाम के लिए एक निर्णायक पहल है। एसईसीएल अपने कर्मचारियों और उनके परिवारों के स्वास्थ्य को सर्वोच्च प्राथमिकता देता है।

2400 से अधिक पंजीकरण पहले चरण में बड़ी भागीदारी

इस अभियान के पहले चरण में अब तक 2400 से अधिक महिला लाभार्थियों ने पंजीकरण कराया है। 9 से 26 वर्ष की आयु की महिलाएँ और बच्चियाँ इस टीकाकरण के लिए पात्र हैं। अभियान में नोनावैलेन्ट एचपीवी वैक्सीन का उपयोग किया जा रहा है, जो सर्वाइकल कैंसर की रोकथाम में लगभग 90% तक प्रभावी मानी जाती है।

डिजिटल प्लेटफॉर्म से टीकाकरण की निगरानी

निदेशक मानव संसाधन बिरंची दास ने बताया कि यह पहल न केवल स्वास्थ्य सुरक्षा का उदाहरण है, बल्कि डिजिटल नवाचार की दिशा में भी एक बड़ी उपलब्धि है। उन्होंने बताया कि एक समर्पित डिजिटल पोर्टल के माध्यम से लाभार्थियों की पहचान, डोज प्रबंधन, प्रमाण पत्र निर्माण और रीयल-टाइम निगरानी संभव बनाई गई है।

कोल इंडिया समूह में अनूठी पहल

यह संभवतः कोल इंडिया समूह में पहला एचपीवी टीकाकरण अभियान है जिसे डिजिटल रूप से संचालित किया जा रहा है। प्रत्येक लाभार्थी को डोज के बाद पोर्टल से डिजिटल प्रमाणपत्र प्रदान किया जा रहा है, जिससे पारदर्शिता और ट्रैकिंग में सुधार हुआ है।

सर्वाइकल कैंसर की रोकथाम में टीकाकरण की भूमिका

भारत में हर वर्ष लगभग 1.25 लाख महिलाएँ सर्वाइकल कैंसर से प्रभावित होती हैं और 70,000 से अधिक महिलाओं की मृत्यु होती है। यह कैंसर समय पर टीकाकरण और स्क्रीनिंग से रोका जा सकता है। एसईसीएल का यह अभियान इस दिशा में एक प्रेरणादायक कदम है, जो महिला सशक्तिकरण और समावेशी स्वास्थ्य नीति का प्रतीक है।

रवि शुक्ला
रवि शुक्ला

प्रधान संपादक

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