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July 24, 2025 7:26 am

उप राष्ट्रपति का इस्तीफा- बड़ा सवाल कौन बनेंगे उप राष्ट्रपति, शिवराज सिंह या डा रमन सिंह ?

रायपुर। जगदीप धनखड़ ने उप राष्ट्रपति के पद से इस्तीफा दे दिया है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने उनका इस्तीफा स्वीकार कर लिया है। राष्ट्रीय से लेकर प्रादेशिक राजनीति में इन दिनों सियासत से लेकर ब्यूरोक्रेट्स के बीच एक ही चर्चा छिड़ी हुई है। अगला उप राष्ट्रपति कौन बनेंगे। राष्ट्रीय राजनीति में छिड़ी चर्चा के बीच प्रादेशिक राजनीति में भी यह सबसे हाट टापिक बना हुआ है। जनचर्चा और राजनीतिक पंडितों के दावे प्रतिदावे पर भरोसा करें तो मध्य प्रदेश या फिर छत्तीसगढ़ के हिस्से में संवैधानिक कुर्सी आ सकती है। अविभाजित मध्य प्रदेश के दौर में कई नामी चेहरे सामने आए जिन्होंने राजनीति से लेकर संवैधानिक पदों पर कुशलतापूर्वक काम किया है। मौजूदा दौर में एक बार फिर वही चर्चा होने लगी है। छत्तीसगढ़ या फिर मध्य प्रदेश। किसके हिस्से में उप राष्ट्रपति की कुर्सी और संवैधानिक पद आने वाला है।

पद के अनुरुप अनुभव और सहजता देखें तो मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री व वर्तमान में केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान और छत्तीसगढ़ विधानसभा के स्पीकर व तीन बार के छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री की कुर्सी संभालने वाले डा रमन सिंह। दोनों ऐसे चेहरे हैं जिनके पास प्रदेश की राजनीति के साथ ही राष्ट्रीय राजनीति का बेहतर अनुभव है। डा रमन सिंह सीएम बनने से पहले केंद्र में मंत्री हुआ करते थे। केंद्रीय उद्योग मंत्री के पद से इस्तीफा दिलाकर उनको छत्तीसगढ़ भाजपा का अध्यक्ष बनाया गया था। राज्य में भाजपा की जीत के साथ ही सीएम बने। शिवराज सिंह चौहान मध्य प्रदेश के लगातार सीएम रहे। वर्तमान में केंद्रीय मंत्री के रूप में नरेंद्र मोदी की सरकार में कामकाज संभाल रहे हैं। राष्ट्रीय और प्रादेशिक राजनीति का ऐसा अनुभव और सामंजस्य बहुत कम नेताओं में देखने को मिलता है।
धनखड़ के इस्तीफा देने के बाद भाजपा को एक साथ दो दिग्गजों की तलाश करनी होगी। हालांकि यह चुनौती तो नहीं बनेगी पर समय जरुर लगेगा। मशक्कत करनी पड़ेगी। राष्ट्रीय अध्यक्ष के साथ ही उप राष्ट्रपति के लिए बड़े चेहरे तलाशने होंगे। ऐसे चेहरे जो दिल्ली की राजनीति और नागपुर के मापदंडों पर फिट बैठता हो। जिन दो नामों पर हमने चर्चा की ये दोनों नाम दिल्ली की राजनीति और संघ मुख्यालय नागपुर के मापदंड पर पूरी तरह फिट बैठने वाले चेहरे हैं। बहरहाल चर्चा का दौर है। राजनीति में कब क्या हो जाए ना तो कहा जा सकता है और ना ही दावे किए जा सकते हैं। इसके बीच यह तो तय है कि भाजपा के शीर्ष नेतृत्व और संघ मुख्यालय से जो दो नाम सामने आएंगे उसमें सोशल इंजीनियरिंग से लेकर सबकुछ नजर आएगा। यह भी तय है कि संघ की मुख्यालय की सहमति और स्वीकृति से ही दोनों पदों पर दो दिग्गजों की ताजपोशी होगी।

रवि शुक्ला
रवि शुक्ला

प्रधान संपादक

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