बिलासपुर। रतनपुर रोड पर ग्राम बारीडीह में मंगलवार रात हाइवा से कुचलकर मारे गए 14 मवेशियों को मामले पर हाईकोर्ट ने संज्ञान लिया है। बुधवार को चीफ जस्टिस ने इस पर स्पेशल डीबी में जनहित याचिका के रूप में सुनवाई की। हाईकोर्ट ने नहाधिवक्ता से पूछा कि, इन घटनाओं पर लगाम कैसे लगेगी, शासन ने जवाब के लिए समय लिया है, अब 30 जुलाई को अगली सुनवाई होगी।
चीफ जस्टिस ने रतनपुर में सडक हादसे का जिक्र किया, जिसमें 17 मवेशी मारे गए हैं। इसे संज्ञान में लेकर इस पर भी बतौर जनहित याचिका सुनवाई की गई। कोर्ट ने कहा कि सभी जगह मुख्य सडकों और हाइवे पर बहुत खतरनाक स्थिति है। अफसोस की बात है कि, इस तरह के हादसे निरंतर हो रहे हैं। शासन इन पर रोक लगाने के क्या उपाय कर रहा है। डीबी ने महाधिवक्ता पी. एन. भारत से जानकारी ली कि, पूर्व में अदालत के आदेश पर कितना अमल किया गया है। गायों के मालिकों के खिलाफ एफआईआर हुई है या नहीं। महाधिवक्ता ने बताया कि, इस हादसे में दोषी लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है। शासन की ओर से कहा गया कि एसओपी (मानक संचालन प्रक्रिया ) का पूरा पालन किया जाएगा। उन्होंने शासन की ओर से विस्तृत जवाब देने अदालत से समय देने का अनुरोध किया। इसे मंजूर कर हाईकोर्ट ने 30 जुलाई को अगली सुनवाई निर्धारित की है।
बिलासपुर हाईकोर्ट ने सड़कों पर घूम रहे मवेशियों को हटाने के लिए राज्य शासन को आदेश जारी कर चुका है, लेकिन सड़कों पर मवेशियों का जमावड़ा लगा रहता है, जिसकी वजह से लगातार हादसे हो रहे हैं। तखतपुर-मुंगेली, कोटा रोड, मस्तूरी, चकरभाठा के साथ ही सीपत रोड़ में शाम ढलते ही सड़कों पर मवेशियों का जमावड़ा रहता है। लगातार हो रहे हादसों पर हाईकोर्ट ने जनहित याचिका मानकर सुनवाई शुरू की है। इस दौरान समय-समय पर राज्य सरकार और जिला प्रशासन को आदेश जारी किया गया है। जिसमें उन्हें सड़कों से मवेशियों को हटाने और निगरानी करने कहा था, लेकिन हाईकोर्ट के आदेश के बावजूद जिला प्रशासन मवेशियों को हटाने ध्यान नहीं दे रहा।

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