बिलासपुर। हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा ने कहा कि वर्तमान समय में तीव्र डिजिटल परिवर्तन के दौर में प्रत्येक न्यायिक अधिकारी के लिए आधुनिक तकनीकी उपकरणों, ई-संसाधनों एवं डिजिटल प्लेटफॉर्म के प्रभावी उपयोग में दक्ष होना अत्यावश्यक है।
चीफ जस्टिस ने कहा कि आज की न्यायिक व्यवस्था में प्रौद्योगिकी की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण हो गई है। डिजिटल केस प्रबंधन, वर्चुअल सुनवाई, ऑनलाइन शोध मंच तथा कागजरहित न्यायालय जैसी प्रणालियाँ अब मुख्यधारा का हिस्सा बन चुकी हैं। न्यायिक सेवा के प्रारंभ में ही प्रशिक्षु न्यायाधीशों को लैपटॉप उपलब्ध कराना न्यायपालिका की इस प्रतिबद्धता को दर्शाता है कि वे न्यायिक अधिकारियों को समयबद्ध, पारदर्शी तथा जन-अनुकूल न्याय वितरण हेतु आवश्यक संसाधनों से सुसज्जित करना चाहती है।
न्यायधीशों को लैपटॉप का वितरण एक सार्थक पहल के रूप में न्यायिक दक्षता में सुधार की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है। डिजिटल परिवर्तन के इस युग में यह पहल न्यायिक अधिकारियों के लिए आधुनिक तकनीकी उपकरणों, ई-संसाधनों और डिजिटल प्लेटफॉर्म में प्रवीण होने की अनिवार्यता को रेखांकित करती है, जिससे उनका दैनिक न्यायिक कार्य अधिक प्रभावी बन सके।
कार्यक्रम के दौरान चीफ जस्टिस ने प्रशिक्षु न्यायाधीशों को सलाह दी कि वे इन उपकरणों का उपयोग प्रभावी रूप से विधिक अनुसंधान, निर्णय लेखन, केस प्रबंधन तथा ज्ञान के निरंतर उन्नयन के लिए करें। उन्होंने नैतिक डिजिटल आचरण, डेटा सुरक्षा तथा आधिकारिक ई-प्लेटफॉर्म के उचित उपयोग के महत्व पर भी विशेष जोर दिया। कार्यक्रम में रजिस्ट्रार जनरल सहित उच्च न्यायालय के अन्य रजिस्ट्री अधिकारियों ने भी सहभागिता की।
छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय की कंप्यूटरीकरण समिति तथा छत्तीसगढ़ राज्य न्यायिक अकादमी द्वारा व्यवहार न्यायाधीश जूनियर डिवीजन बैच-2024 को लैपटॉप वितरण हेतु एक विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम की अध्यक्षता चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा ने की। नव नियुक्त न्यायिक अधिकारियों को लैपटॉप का औपचारिक वितरण किया।
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