नई दिल्ली, विज्ञान भवन।छत्तीसगढ़ की प्रसिद्ध शिल्पकार श्रीमती हीराबाई झरेका बघेल को धातुकला के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान के लिए आज राष्ट्रीय हस्तशिल्प पुरस्कार से सम्मानित किया गया। राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु ने विज्ञान भवन में आयोजित औपचारिक समारोह में यह प्रतिष्ठित सम्मान प्रदान किया।
समारोह के दौरान राष्ट्रपति ने कहा कि भारत की पारंपरिक धातुकला विश्वभर में अपनी विशिष्टता और कौशल के लिए जानी जाती है, और इसमें शिल्पकारों की पीढ़ियों से चली आ रही समर्पण भावना की महत्वपूर्ण भूमिका है। उन्होंने हीराबाई झरेका बघेल के कार्यों को देश की सांस्कृतिक विरासत को समृद्ध करने वाला बताया।
श्रीमती बघेल पिछले कई वर्षों से पारंपरिक धातु शिल्प के संरक्षण और नवाचार के लिए लगातार कार्य कर रही हैं। उनके बनाए हस्तशिल्प न केवल राष्ट्रीय स्तर पर सराहे गए हैं, बल्कि अंतरराष्ट्रीय प्रदर्शनियों में भी भारत की कला-परंपरा का प्रतिनिधित्व करते रहे हैं।
कार्यक्रम में देशभर से आए शिल्पकारों, हस्तशिल्प विशेषज्ञों और सरकारी अधिकारियों ने भाग लिया। राष्ट्रीय हस्तशिल्प पुरस्कार भारतीय हस्तशिल्प उद्योग में उत्कृष्टता, नवाचार और परंपरा के संरक्षण के लिए दिया जाता है।
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