वरिष्ठ सांसद की भूमिका में खूब जचे, बटोरी तालियां




मनेंद्रगढ़। (संवाददाता प्रशांत तिवारी)मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में भारतीय जनता युवा मोर्चा द्वारा आयोजित “युवा संसद” में मनेंद्रगढ़ के शिवम जायसवाल ने प्रोटेम स्पीकर की भूमिका निभाकर नगर का नाम रोशन किया। यह ऐतिहासिक आयोजन आपातकाल की 50वीं वर्षगांठ को केंद्र में रखकर आयोजित किया गया था, जिसका नेतृत्व मध्यप्रदेश शासन के यशस्वी मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव कर रहे थे। इस मौके पर देशभर से आए युवा सांसदों ने लोकतंत्र और अभिव्यक्ति की आजादी जैसे संवेदनशील विषयों पर अपने विचार रखे।



वरिष्ठ सदस्य के रूप में चयनित होना, शिवम की विशेष प्रतिभा

शिवम जायसवाल ने न केवल प्रोटेम स्पीकर की भूमिका निभाई बल्कि युवा सांसद के तौर पर आपातकाल जैसे गहन विषय पर अपनी स्पष्ट, तथ्यों पर आधारित और निर्भीक बातों से दर्शकों को प्रभावित किया। उन्होंने कहा, “आपातकाल हमें यह सिखाता है कि लोकतंत्र केवल एक व्यवस्था नहीं, बल्कि हर नागरिक की ज़िम्मेदारी है जिसे सजगता से निभाना चाहिए।” आपातकाल के दौरान मीडिया पर लगाई गई पाबंदी को गलत बताते हुए अभिव्यक्ति की आजादी पर हमला बताया
परिवार और नगर को किया गौरवान्वित
शिवम नगरपालिका परिषद मनेंद्रगढ़ की पार्षद नीलू विनीत जायसवाल एवं वरिष्ठ पत्रकार विनीत जायसवाल के सुपुत्र हैं। उनका चयन और योगदान मनेंद्रगढ़ के युवाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत बन गया है। भोपाल के नगर निगम सभागृह में आयोजित इस कार्यक्रम में उनकी सशक्त भागीदारी ने यह सिद्ध कर दिया कि छोटे शहरों से भी बड़े नेता निकलते हैं।
कार्यक्रम का उद्देश्य :
युवा संसद का मुख्य उद्देश्य देश की लोकतांत्रिक चेतना को मजबूत करना और युवाओं को संविधान, अधिकारों और जिम्मेदारियों के प्रति जागरूक करना था। कार्यक्रम में देशभर से युवाओं ने हिस्सा लिया और आपातकाल के ऐतिहासिक संदर्भ पर संवाद स्थापित किया।
यह सिर्फ भागीदारी नहीं, नेतृत्व है
मनेंद्रगढ़ जैसे छोटे नगर से निकलकर राजधानी भोपाल के मंच पर नेतृत्व की भूमिका निभाना, न केवल व्यक्तिगत उपलब्धि है, बल्कि यह नगर के युवाओं के लिए प्रेरणास्रोत भी है। नगरवासियों ने शिवम् की उपलब्धि पर प्रसन्नता जताते हुए इसे मनेंद्रगढ़ की युवा शक्ति की जीत बताया। सामाजिक और शैक्षणिक संस्थाओं ने शिवम को शुभकामनाएं दी हैं।
आपातकाल भारत के लोकतंत्र के इतिहास का काला अध्याय रहा है, जिसने अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और नागरिक अधिकारों पर आघात किया। यह स्मरण हमारे लिए चेतावनी है कि लोकतंत्र की रक्षा हमेशा सजगता और भागीदारी से ही संभव है।

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