रायपुर छत्तीसगढ़ ।राज्य आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो द्वारा आबकारी घोटाले में 39 परिसरों में एक साथ छापेमार कार्रवाई की.राज्य आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो द्वारा पंजीबद्ध अपराध के मद्देनजर धारा 7 एवं 12 भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम (संशोधित अधिनियम, 2018) तथा धारा 420, 467, 468, 471, 120-बी भारतीय दंड संहिता के तहत आबकारी घोटाले की विवेचना जारी है। विवेचना के दौरान यह तथ्य उजागर हुआ कि प्रकरण के प्रमुख संदेही द्वारा अपराध से अर्जित अवैध धनराशि को विभिन्न व्यक्तियों के माध्यम से अलग-अलग व्यवसायों एवं संपत्तियों में बड़े पैमाने पर निवेश किया गया है।





अवैध निवेश से संबंधित पुख्ता जानकारी प्राप्त होने पर आज राज्य आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो की टीमों द्वारा राज्य के विभिन्न जिलों में स्थित 39 परिसरों पर एक साथ सर्च एवं सीज़र की कार्यवाही की जा रही है।
इस व्यापक अभियान के दौरान संदेहियों के निवास, व्यावसायिक परिसरों एवं अन्य संबंधित स्थलों पर की गई तलाशी में प्रकरण से संबंधित महत्वपूर्ण दस्तावेज, डिजिटल डेटा, मोबाइल फोन, इलेक्ट्रॉनिक उपकरण, सोना-चांदी, अचल संपत्तियों में निवेश से जुड़े अभिलेखों सहित 90 लाख से अधिक की नकद राशि बरामद की गई है।




मंगलवार तड़के करीब 5 बजे EOW-ACB की आठ टीमें भिलाई पहुंचीं और पूर्व मंत्री कवासी लखमा से कथित रूप से जुड़े फेब्रिकेशन उद्योगपति अशोक अग्रवाल के अमरपाली वानांचल सोसायटी स्थित आवास पर छापा मारा गया। इसके बाद उन्हें चावनी चौक स्थित उनके फेब्रिकेशन यूनिट ले जाकर वित्तीय दस्तावेजों की जांच की गई। उनके भाई विनय अग्रवाल के खुरसिपार स्थित घर पर भी समानांतर कार्रवाई हुई।
इसके अलावा होटल व्यवसायी आशीष गुप्ता के नेहरू नगर स्थित निवास, व्यवसायी सुरेश केजरीवाल का बंगला (नेहरू नगर वेस्ट), स्पर्श हॉस्पिटल के निदेशक डॉ. संजय गोयल का निजी निवास, उद्यमी मनीत जैन, बिल्डर विश्वास गुप्ता का दुर्ग स्थित ठिकाना और सामाजिक नेता बंसी अग्रवाल का नेहरू नगर ईस्ट स्थित घर भी इस जांच के दायरे में आए। विठलपुरम स्थित गोविंद मंडल का बंद बंगला और सेक्टर-2 स्थित मिथिलेश उर्फ पिंटू तिवारी (जो वर्तमान में रायपुर में रहते हैं) के घर भी जांच की गई।


श्री निकेतनम सहित कई हाई-प्रोफाइल ठिकानों पर भी छापेमारी की गई, जहां से प्रवर्तन एजेंसी को कई अहम दस्तावेज, पेन ड्राइव, मोबाइल फोन और वित्तीय डायरी मिली हैं। ये सभी डिजिटल साक्ष्य अब फॉरेंसिक जांच के लिए भेजे गए हैं।

जानकारी के अनुसार ये छापे डिजिटल साक्ष्यों और पूर्व में गिरफ्तार आबकारी अधिकारियों के सहयोगियों से मिली जानकारियों के आधार पर किए गए हैं।
व्यापारी वर्ग द्वारा शेल कंपनियों, बेनामी संपत्तियों और नकद लेन-देन के माध्यम से घोटाले की राशि को सफेद करने का प्रयास किया गया था। एजेंसी की नजर अब इन व्यापारियों की भूमिका और उनके माध्यम से राजनैतिक और नौकरशाही लाभार्थियों पर केंद्रित है।
शराब घोटाले में पहले ही कई आबकारी अधिकारियों की गिरफ्तारी हो चुकी है, लेकिन मंगलवार की यह कार्रवाई उन नेटवर्क्स को उजागर करने की दिशा में अहम मानी जा रही है, जो आर्थिक हेराफेरी के संचालन में सहायक रहे हैं।
आज की छापेमार कार्रवाई

भिलाई की अमरपाली वानांचल सोसायटी स्थित अशोक अग्रवाल के B-29 बंगले का नेमप्लेट, EOW-ACB की तड़के हुई छापेमारी का मुख्य केंद्र।
आम्रपाली लेन में तैनात EOW-ACB की वाहन, भोर में हुए समन्वित अभियान का दृश्य।
वानांचल सिटी का मुख्य द्वार, जहां प्रवर्तन एजेंसी ने छापेमारी के दौरान अस्थायी रूप से सील किया।
भिलाई में EOW-ACB अधिकारियों की कार्रवाई के दौरान सुरक्षा हेतु मौजूद स्थानीय पुलिस बल।

प्रधान संपादक