जशपुरनगर। शादी समारोह की तैयारी के लिए पत्ते तोड़ने जंगल में गई एक महिला की गुरुवार को हाथी के हमले में मौत हो गई। घटना तपकरा वन परिक्षेत्र अंतर्गत महुआडीह जंगल की है। दंतैल हाथी ने ग्रामीणों पर हमला कर दिया। जान बचाने की कोशिश में ग्रामीण तो भाग निकले, लेकिन 45 वर्षीय उर्मिला बाई ठोकर लगने से गिर पड़ी और हाथी की चपेट में आ गई। दंतैल ने उसे सूंढ़ में लपेटकर पटक दिया, जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गई। अस्पताल ले जाते समय रास्ते में उसकी मौत हो गई।
हादसा सुबह लगभग 10 बजे की है। गांव के कुछ लोग पलास के पत्ते तोड़ने महुआडीह जंगल गए थे। इसी दौरान अचानक जंगली हाथी आ धमका और ग्रामीणों पर हमला बोल दिया। हाथी के हमले से लोग जान बचाकर भागे। दौड़ते वक्त उर्मिला जमीन पर गिर गई। उठ पाती इसके पहले ही हाथी ने उसे सूंड पर उठाकर जमीन पर पटक दिया। इससे वह गंभीर रूप से घायल हो गई। मौके पर मौजूद ग्रामीणों ने तत्काल उसे फरसाबहार सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लेकर गए, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
तपकरा रेंज की वनपरिक्षेत्राधिकारी आकांक्षा लकड़ा ने बताया कि मृतका के परिवार को तत्काल राहत के तौर पर 25 हजार रुपये की सहायता राशि प्रदान की गई है। उन्होंने बताया कि क्षेत्र में लगातार हाथियों की मौजूदगी की जानकारी दी जा रही है, बावजूद इसके ग्रामीण जंगलों में प्रवेश कर रहे हैं जिससे ऐसी घटनाएं हो रही हैं।
12 दिन में दूसरी मौत, हाथी बना संकट
तपकरा वन क्षेत्र में पिछले 12 दिनों में हाथियों के हमले से यह दूसरी मौत है। इससे पहले 3 मई को 75 वर्षीय एक वृद्ध की हाथी के हमले में जान चली गई थी। छत्तीसगढ़, ओडिशा और झारखंड की सीमावर्ती इस वन रेंज में साल भर हाथियों की आवाजाही बनी रहती है। हरियाली और पानी की भरपूर उपलब्धता इस क्षेत्र को हाथियों के लिए उपयुक्त बनाती है।
घटना की सूचना मिलते ही बीट गार्ड नंद कुमार यादव सबसे पहले मौके पर पहुंचे। वे आसपास मवेशी चरा रहे ग्रामीणों को हाथी की मौजूदगी की जानकारी देकर सुरक्षित घर भेजने का प्रयास कर रहे थे। घटना के बाद वे मृतका की दोनों बेटियों से मिलकर उन्हें सांत्वना देने भी पहुंचे।

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