बिलासपुर। हत्या के एक मामले में जेल भेजे गए 21 वर्षीय युवक को नाबालिग बताकर जमानत दिलाने की साजिश का खुलासा हुआ है। इसके लिए फर्जी जन्म प्रमाणपत्र तैयार कराया गया और उसी के आधार पर आरोपी का आधार कार्ड सुधरवाया गया। मामले की जानकारी सामने आने के बाद पुलिस ने जांच तेज कर दी है।





घटना तखतपुर क्षेत्र के भीमपुरी की है, जहां अवैध कब्जा हटाने को लेकर विवाद में एक व्यक्ति की हत्या हो गई थी। इस मामले में पुलिस ने विनोद नवरंग (21) को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया, जहां से उसे जेल भेज दिया गया। कुछ दिन बाद आरोपी की ओर से अदालत में जमानत के लिए आवेदन लगाया गया। आवेदन में विनोद को नाबालिग बताया गया।
इस पर पुलिस को संदेह हुआ और उसने मामले की जांच शुरू की। जांच में सामने आया कि विनोद के स्कूल रिकॉर्ड में उसका जन्म वर्ष 2004 दर्ज है, जिसके आधार पर गिरफ्तारी की गई थी। लेकिन जमानत के लिए 2008 का फर्जी जन्म वर्ष दिखाया गया।
पुलिस को जांच में पता चला कि आरोपी की उम्र घटाने के लिए नायब तहसीलदार कोर्ट में गलत शपथपत्र जमा किया गया था। इसी आधार पर नायब तहसीलदार रोशन तिर्की द्वारा नया जन्म प्रमाणपत्र जारी कर दिया गया। फिर उसी दस्तावेज के सहारे आरोपी का आधार कार्ड भी सुधरवा लिया गया और कोर्ट में उसे नाबालिग बताकर पेश किया गया।
दिलचस्प बात यह है कि आरोपी ने भीमपुरी स्कूल में वर्ष 2010 में पहली कक्षा में दाखिला लिया था। अगर नया जन्म वर्ष 2008 सही मानें तो दो साल की उम्र में ही वह स्कूल चला गया था, जो संभव नहीं है।
पूरे मामले में तहसील कार्यालय की भूमिका भी संदिग्ध मानी जा रही है। पुलिस को आशंका है कि दस्तावेज बदलवाने के लिए लेनदेन भी किया गया है। अब पुलिस तहसील के संबंधित कर्मचारियों से पूछताछ कर रही है और आगे की कार्रवाई जांच के निष्कर्षों के आधार पर की जाएगी।




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