बिलासपुर छत्तीसगढ़ । जिला खनिज निधि में घोटाले के आरोप में जेल में बंद पूर्व आईएएस रानू साहूख् पूर्व सीएम की उप सचिव सौम्या चौरसिया,मनोज कुमार एवं सूर्यकांत तिवारी ने हाई कोर्ट में जमानत आवेदन लगाया था। मामले की सुनवाई के बाद कोर्ट ने सभी जमानत याचिका को खारिज कर दिया है।
जस्टिस एनके व्यास के कोर्ट में डीएमएफ घोटाले में संलिप्त आरोपियों की जमानत याचिका पर सुनवाई हुई। कोर्ट ने कहा कि प्रकरण में एफआईआर और केस डायरी में उपलब्ध दस्तावेजों से स्पष्ट है कि आवेदकों की धारा 7 और 12 के तहत अपराधिक घटना में संलिप्तता दिखाई दे रहा है। प्रथम दृष्टया पीसी एक्ट के तहत अपराध करना स्पष्ट हो रहा है। कोर्ट ने अपने फैसले में लिखा है कि एफआईआर के अलावा घोटाले के संबंध में पेश रिकॉर्ड व अन्य दस्तावेजों को पढ़ने से प्रथम दृष्टया आवेदकों की संबंधित अपराध में संलिप्तता को दर्शाता है। इस टिप्पणी के साथ कोर्ट ने याचिकाकर्ताओं को नियमित जमानत देने से इंकार करते हुए याचिका को खारिज कर दिया है।
आरोप पत्र में अब तक हुई जांच के हवाले से ईडी ने आकलन दिया है कि डीएमएफ घोटाला 90 करोड़ 48 लाख रुपये का है। आरोप पत्र में जेल में बंद निलंबित आईएएस रानू साहू, महिला बाल विभाग की अफसर रहीं माया वारियर, ब्रोकर मनोज कुमार द्विवेदी समेत 16 आरोपियों के नाम हैं। आरोप है कि अधिकारियों को टेंडर की राशि का 40 प्रतिशत तक कमीशन दिया गया था।

प्रधान संपादक