सक्ती जिले में एसीबी की कार्यवाही से मचा हड़कंप 20 हजार रिश्वत लेते हुए पटवारी धरा गया।
बिलासपुर छत्तीसगढ़ ।मुख्यमंत्री विष्णुदेव देव साय के जीरो टालरेंस का असर अब दिखाई देने लगा है. सीएम के मिशन को एसीबी चीफ गंभीरता के साथ अमलीजामा पहनाते दिखाई दे रहे हैं. अब तक की कार्रवाई पर नज़र डालें तो एसीबी ने लगभग सत्तर अधिकारी कर्मचारियों को घुस लेते रंगे हाथों पकड़ा है. एसीबी और ईओडब्ल्यू की सख्ती का अब असर भी दिखाने लगा है ।

एसीबी चीफ की सख्ती कहें या फिर शिकायतकर्ताओं की शिकायत को गंभीरता से लेने का असर. घुसखोर अफसरों के ख़िलाफ़ शिकायत करने वाले भी अब बेख़ौफ़ आगे आ रहे हैं। शिकायतों पर एसीबी और ईओडब्ल्यू द्वारा की जा रही ताबड़तोड़ कार्रवाई से घुसखोर अफसरों से परेशान लोगों को जहां राहत मिल रही है वहीं सख्ती का असर ये हो रहा है कि घुसखोरी करने वाले भी अब सहमे-सहमे नजर आने लगे हैं।लेकिन फिर भी सुधर नहीं रहे हैं,करे क्या लालच मन में आ जाए तो फिर एसीबी की कार्रवाई झेले और फिर जेल जाए ।
एसीबी का एक रिकार्ड ऐसा भी

आंकड़ों पर नजर डालें तो राजस्थान एसीबी का नाम घुसखोर अफसरों के खिलाफ कार्रवाई को लेकर देशभर में टाप पर है. बीते मार्च से अब तक की कार्रवाई पर नजर डालें तो छत्तीसगढ़ की एसीबी और ईओडब्ल्यू ने देशभर में ना केवल ख्याति अर्जित की है ,बल्कि कार्यवाही को लेकर देश में छत्तीसगढ़ की जांच एजेंसी टाप पर पहुंच गई है। यहां ए भी बताना जरुरी है कि राजस्थान में भारी भरकम सेटअप है। राजस्थान के मुकाबले छत्तीसगढ़ में ऐसा कुछ नहीं है। सेटअप के साथ ही स्टाफ की भी भारी कमी है। राजस्थान एसीबी में 250 के करीब स्टाफ है। छत्तीसगढ़ एसीबी के पास 100 से भी कम स्टाफ है। स्टाफ की कमी के बाद भी एसीबी चीफ की कर्मठता और कर्त्तव्यत परायणता के चलते छत्तीसगढ़ की एसीबी और ईओडब्ल्यू देशभर में टाप पर पहुंच गया है।
इन महत्वपूर्ण घोटालों की जांच का मिला जिम्मा

एसीबी व ईओडब्ल्यू के पास भ्रष्टाचार की जांच का महत्वपूर्ण मामले है। इसमें रायपुर से विशाखापटनम तक बनने वाले भारतमाला प्रोजेक्ट में 341 करोड़ का भ्रष्टाचार,सीजीएमएसी में रीएजेंट सप्लाई में 340 करोड़ का घोटाला,शराब, कोयला, DMF, तेंदूपत्ता बोनस, महादेव सट्टा एप जैसे मामलों की जांच एसीबी व ईओडब्ल्यू द्वारा किया जा रहा है।
इसलिए टाप पर पहुंची छत्तीसगढ़ एसीबी

एसीबी चीफ आईपीएस अमरेश मिश्रा और आईपीएस तिलक राम कोशिमा के कुशल मार्गदर्शन में काम का अपना तरीका भी बेहद निराला है। कामकाज के तरीके साथ ही सूचना संकलन का अपना तरीका के साथ ही सूचना प्रदाता के भरोसे पर खरा उतरने का काम भी एसीबी द्वारा किया जा रहा है। सूचना देने वालों के साथ ही शिकायतकर्ताओं का भरोसा जीतने का काम भी अफसर बेहद संजीदगी के साथ कर रहे हैं। यही कारण है कि शिकायतकर्ता भी बेखौफ और भरोसे के साथ शिकायत कर रहे हैं।
ऐसे हो रहा काम, घुसखोर अफसरों को सजा दिलाने में भी टाप पर एसीबी

छापेमारी के लिए कोर्ट से वारंट जारी कराने से लेकर कार्रवाई के दौरान पुख्ता दस्तावेजी सबूत इकट्ठा करना और फिर कोर्ट में उसी अंदाज में आरोप पत्र पेश करने का काम भी एसीबी के अफसर संजीदगी के साथ कर रहे हैं। आरोप पत्र दाखिल करने के साथ ही घुसखोरी करने वालों को सजा दिलाने का काम भी एसीबी व ईओडब्ल्यू के अफसर बखूबी कर रहे हैं। यही कारण है कि सजा का अनुपात 95 फीसदी के करीब है।
तीन रेंज में संचालित हो रहा कार्यालय

एसीबी का कार्यालय छत्तीसगढ़ में तीन रेंज में संचालित हो रहा है। रायपुर में रायपुर व दुर्ग, बिलासपुर में बिलासपुर रेंज व सरगुजा में समूचा उत्तर छत्तीसगढ़ शामिल है।
सक्ती जिले में घुसखोर पटवारी रंगे हाथों पकड़ाया

अब शक्ति जिले की बात करें तो दो दिन पहले ग्राम कैथा तहसील हसौद जिला सक्ती निवासी रामशरण कश्यप द्वारा एसीबी इकाई बिलासपुर में इस आशय की शिकायत की गई थी कि उसके पिता और चाचा के नाम पर ग्राम कैथा में जमीन है. जिसमें से खसरा नंबर 321/2 और 1592/2 की जमीन उसके पिता के नाम पर बी वन ऑनलाइन रिकॉर्ड में नहीं दिखा रहा है जिस पर उसके पिता ने एसडीएम ऑफिस में त्रुटि सुधार हेतु आवेदन दिया था तब एसडीएम के यहां से तहसीलदार को रिकॉर्ड दुरुस्त करने का आदेश दिया गया था जिस पर तहसीलदार द्वारा रिकॉर्ड दुरुस्त करने हेतु कैथा पटवारी पवन सिंह को कहा गया था।

रिकॉर्ड दुरुस्त करने के लिए वह कैथा पटवारी पवन सिंह से मिला था जिस पर पटवारी उस कार्य के लिए 20000 रुपए रिश्वत की मांग कर रहा है जो वह रिश्वत न देकर रिश्वत लेते हुए उसे रंगे हाथ पकड़वाना चाहता है।शिकायत का सत्यापन कराए जाने पर शिकायत सही पाए जाने पर ट्रैप की योजना तैयार की गई । आज दिनांक 2.5.25 को प्रार्थी को रिश्वत रकम 20000 रुपए देने हेतु पटवारी के पास भेजा गया जो पटवारी द्वारा रिश्वती रकम लेते ही उसे पटवारी कार्यालय गुजिया बोड़ में एसीबी की टीम द्वारा रंगे हाथों पकड़ लिया गया जिससे हड़कंप मच गया। पकड़े गए पटवारी से रिश्वत की रकम बरामद की जाकर जप्त कर एसीबी के द्वारा उसके विरुद्ध धारा 7 भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 के तहत कार्यवाही की जा रही है .
पटवारी पवन सिंह जिला बलरामपुर रामानुजगंज के ग्राम अधौरा का निवासी है. गौरतलब है कि पिछले कुछ समय से एसीबी के द्वारा भ्रष्ट अधिकारियों /कर्मचारियों की लगातार कार्यवाही की जा रही है ।
चार माह में शक्ति जिले में तीसरी बार एसीबी की कार्रवाई
शक्ति जिले में 4 माह के भीतर एसीबी की यह तीसरी कार्यवाही है।एसीबी सूत्रों ने स्पष्ट संकेत दिया है कि भ्रष्टाचार के खिलाफ यह कार्यवाही अनवरत जारी रहेगी।लोग एसीबी में शिकायत दर्ज कराने से ना परहेज करे एसीबी उनके हितों के लिए है और नाम भी गोपनीय रखा जाएगा अपने हक और अधिकार के लिए आवाज़ बुलंद करे एसीबी साथ है ।

प्रधान संपादक
