एसएसपी के निर्देश पर बलौदा बाज़ार-भाटापारा कोतवाली पुलिस की त्वरित कार्रवाई
छत्तीसगढ़ ।जिले के बलौदा बाज़ार भाटापारा की की कोतवाली पुलिस ने बड़ी कार्रवाई करते हुए ऑनलाइन और म्यूल अकाउंट से धोखाधड़ी करने वाले 04 आरोपियों को धनबाद (झारखंड) और नयागढ़ (ओडिशा) से गिरफ्तार किया गया है, आरोपी क्रेडिट कार्ड बकाया, मनी लॉन्ड्रिंग केस और सीबीआई जांच का भय दिखाकर लोगों से ऑनलाइन ठगी कर रहे थे। आरोपियों ने पीड़ित को डरा-धमकाकर 3,48,000 की ठगी की थी।
पुलिस को बताया ठगी का तरीका

बलौदा बाज़ार भाटापारा पुलिस प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से बताया कि पीड़िता के मोबाइल पर एक अनजान नंबर से कॉल आया, जिसमें खुद को सीबीआई अधिकारी बताने वाले व्यक्ति ने कहा कि उसका क्रेडिट कार्ड बैलेंस बकाया है और वह मनी लॉन्ड्रिंग केस में फंस गई है। इसके बाद व्हाट्सएप पर एक फर्जी कोर्ट वारंट भेजा गया और डराकर पैसे ट्रांसफर करने के लिए क्यूआर कोड भेजा गया। घबराई पीड़िता ने 15 जनवरी से 22 जनवरी 2025 के बीच अलग-अलग ट्रांजैक्शनों में 3,48,000 आरोपियों द्वारा भेजे गए खातों में ट्रांसफर कर दिए।
एसएसपी के निर्देश पर पुलिस की त्वरित कार्रवाई

मामले की गंभीरता को देखते हुए एसएसपी विजय अग्रवाल के निर्देश पर थाना सिटी कोतवाली में अपराध क्रमांक 121/2025 धारा 318(4), 308(7) बीएनएस के तहत केस दर्ज कर जांच शुरू की गई। जांच में पता चला कि आरोपियों ने ठगी के पैसे को कई म्यूल खातों (ऐसे बैंक अकाउंट जो साइबर ठगी के लिए किराए पर लिए जाते हैं) के माध्यम से निकाला था।
पुलिस टीम ने तकनीकी जांच और मुखबिर की सूचना के आधार पर धनबाद (झारखंड) और नयागढ़ (ओडिशा) में दबिश देकर चारों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया।
गिरफ्तार आरोपी और उनका तरीका

1. भोला उर्फ रोहित कुमार (22 वर्ष, धनबाद, झारखंड) – यह गिरोह का मुख्य साजिशकर्ता है। इसने बीए फाइनल तक पढ़ाई की है और साइबर ठगी से पैसा कमाने के लिए कई बैंकों में खाते खुलवाए थे। वह खुद को सीबीआई अधिकारी बताकर लोगों को धमकाता था।
2. देवनाथ विसोई (20 वर्ष, नयागढ़, ओडिशा) – म्यूल अकाउंट मुहैया कराता था और ठगी के पैसों को ट्रांजैक्शन करने में मदद करता था।
3. कालूचरण बारीक (23 वर्ष, नयागढ़, ओडिशा) – ठगी के पैसों को बैंक खातों से निकालने और उसे अलग-अलग माध्यमों से ट्रांसफर करने का काम करता था।
4. शिबाशंकर अचारी (23 वर्ष, नयागढ़, ओडिशा) – गिरोह के लिए बैंक खाते खोलता था और ठगी से मिलने वाली रकम को ठिकाने लगाता था।
आरोपियों का कबूलनामा

पुलिस पूछताछ में आरोपी भोला उर्फ रोहित कुमार से पता चला कि उसने बीए फाइनल तक की पढ़ाई की है। आरोपी द्वारा ऑनलाइन फर्जी तरीके से फ्रॉड, ब्लैकमेलिंग कर अवैध लाभ कमाने के उद्देश्य से आइसीआइसीआइ बैंक के साथ-साथ अन्य बैंक, इंडस्ट्रियल बैंक, पंजाब नेशनल बैंक, उत्कर्ष स्माल फाइनेंस बैंक, स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया में खाता खुलवाया गया है।पूछताछ में आरोपियों ने स्वीकार किया कि उन्होंने कई लोगों को इसी तरह ठगा है। वे लोगों को डराने के लिए नकली कोर्ट वारंट और सीबीआई जांच की धमकी देते थे। बैंक खातों के जरिए पैसा ट्रांसफर करने के बाद उसे निकालकर अलग-अलग हिस्सों में बांट लेते थे।
नयागढ़ उड़ीसा निवासी तीन आरोपियों से पूछताछ करने पर पता चला कि आरोपियों द्वारा स्वयं के नाम से उत्कर्ष स्मॉल फाइनेंस बैंक में ऑनलाइन के माध्यम से साइबर फ्रॉड के लिए अकाउंट खोला गया जिसमें जो भी फायदा होता है इसका एक हिस्सा आरोपियों को दिया जाता है। आरोपियों के खोले गए अकाउंट पर जब भी पैसा आता है तो उसमें से अकाउंट धारकों को हर ट्रांजैक्शन के बदले 500-1000 तक दिए जाते थे।
अदालत में पेश करने की तैयारी
पुलिस ने सभी चारों आरोपियों को गिरफ्तार कर आज 28 मार्च 2025 को न्यायालय में पेश करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। पुलिस अब इस गिरोह से जुड़े अन्य लोगों की भी तलाश कर रही है और उनके बैंक खातों की जांच कर रही है।

Author: Ravi Shukla
Editor in chief