छत्तीसगढ़ और झारखंड में आतंक का पर्याय बना अमन साव पुलिस एनकाउंटर में ढेर, रायपुर जेल से चला रहा था अपराधों का नेटवर्क
रायपुर (छत्तीसगढ़)/पलामू (झारखंड), 11 मार्च: झारखंड और छत्तीसगढ़ के व्यापारियों, बिल्डरों और कोल कारोबारियों में दहशत का दूसरा नाम बन चुके कुख्यात गैंगस्टर अमन साव उर्फ अमन साहू को झारखंड पुलिस ने मुठभेड़ में मार गिराया। यह एनकाउंटर मंगलवार सुबह झारखंड के पलामू जिले के चैनपुर ब्लॉक स्थित अंधारी ढोढ़ा क्षेत्र में हुआ, जब पुलिस अमन साव को रायपुर सेंट्रल जेल से रांची (झारखंड) ले जा रही थी।
अमन साव पर 150 से अधिक संगीन आपराधिक मामले दर्ज थे, जिसमें रंगदारी, सुपारी किलिंग, व्यापारियों पर हमले और संगठित अपराध शामिल थे। पुलिस के अनुसार, वह रायपुर जेल में रहते हुए भी अपराधों का संचालन कर रहा था और सोशल मीडिया तथा वर्चुअल नंबरों के माध्यम से अपने गिरोह को निर्देश देता था।
कैसे हुआ एनकाउंटर? गाड़ी पलटने के बाद मचा हड़कंप

छत्तीसगढ़ पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों के अनुसार, अमन साव को व्यापारी विपिन मिश्रा पर फायरिंग और एनटीपीसी डीजीएम कुमार गौरव पर हमले के मामले में पूछताछ के लिए रांची ले जाया जा रहा था।
• पलामू के अंधारी ढोढ़ा क्षेत्र में जाते समय कैदी वाहन का संतुलन बिगड़ा और गाड़ी पलट गई।
• इसी दौरान अमन साव के साथियों ने पुलिस पर हमला कर उसे छुड़ाने की कोशिश की।
• अफरा-तफरी के बीच अमन साव ने एक सुरक्षा कर्मी की इंसास राइफल छीन ली और पुलिस पर फायरिंग शुरू कर दी।
• पुलिस ने तुरंत जवाबी कार्रवाई करते हुए मौके पर ही अमन साव को ढेर कर दिया।
• इस मुठभेड़ में एक पुलिसकर्मी घायल हो गया, जिसे अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
रायपुर जेल में रहते हुए भी चला रहा था अपराधों का नेटवर्क
अमन साव का आतंक केवल झारखंड तक सीमित नहीं था। रायपुर सेंट्रल जेल में बंद रहते हुए भी वह छत्तीसगढ़ के व्यापारियों, बिल्डरों, ट्रांसपोर्टर्स और ठेकेदारों से रंगदारी वसूल रहा था।
कैसे चल रहा था गैंग?

• सोशल मीडिया और वर्चुअल नंबरों के जरिए अपने गुर्गों को निर्देश देता था।
• जो व्यापारी पैसे देने से इनकार करते, उन पर हमले कराए जाते या फायरिंग कराई जाती थी।
• अमन साव का गिरोह अपराध करने के बाद सोशल मीडिया पर वीडियो डालकर उसकी जिम्मेदारी लेता था, ताकि व्यापारियों में डर बना रहे।
पिछले साल अक्टूबर 2024 में रायपुर पुलिस ने अमन साव और लॉरेंस बिश्नोई गिरोह से जुड़े चार शूटरों को गिरफ्तार किया था, जो रायपुर के बड़े व्यापारियों पर हमले की साजिश रच रहे थे। पूछताछ में खुलासा हुआ कि अमन साव और लॉरेंस बिश्नोई गैंग के बीच गहरा संबंध था, और अमन जेल से ही अपराधों को अंजाम दिलवा रहा था।
राजनीति में उतरने की कोशिश, कोर्ट ने झटका दिया
अमन साव केवल अपराध की दुनिया तक सीमित नहीं रहना चाहता था। वह राजनीति में भी कदम रखने की फिराक में था और 2024 के झारखंड विधानसभा चुनाव में बरकागांव सीट से चुनाव लड़ने के लिए नामांकन पत्र खरीदा था।

हालांकि, झारखंड हाईकोर्ट ने उसकी इंटरवेंशन याचिका खारिज कर दी, जिसमें उसने जेल से चुनाव लड़ने की अनुमति मांगी थी। अदालत ने साफ कहा कि अमन साव के खिलाफ 150 से अधिक संगीन मामले दर्ज हैं और वह समाज के लिए गंभीर खतरा है।
छत्तीसगढ़ और झारखंड पुलिस की संयुक्त कार्रवाई से अंत
झारखंड और छत्तीसगढ़ पुलिस के संयुक्त अभियान के तहत अमन साव के अपराध साम्राज्य का अंत हो गया।
क्या थी पुलिस की रणनीति?
• झारखंड पुलिस और छत्तीसगढ़ पुलिस लगातार अमन साव के नेटवर्क पर नजर बनाए हुए थी।
• व्यापारियों और बिल्डरों से मिली शिकायतों के आधार पर पुलिस ने उसकी गतिविधियों पर कड़ा शिकंजा कसना शुरू कर दिया था।
• अमन साव की गिरफ्तारी के बाद भी उसके गैंग के खिलाफ कार्रवाई जारी रही, जिससे उसके नेटवर्क को बड़ा झटका लगा।
पुलिस के लिए बड़ी सफलता
पुलिस अधिकारियों के अनुसार, अमन साव की मौत से झारखंड और छत्तीसगढ़ के व्यापारियों, बिल्डरों और कारोबारियों को राहत मिलेगी। पुलिस अब भी उसके बाकी बचे गैंग के सदस्यों को पकड़ने के लिए छापेमारी कर रही है।
लॉरेंस बिश्नोई गिरोह से गहरा कनेक्शन

पुलिस जांच में यह भी सामने आया कि अमन साव का संबंध कुख्यात गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई गिरोह से था।
• रायपुर पुलिस ने अक्टूबर 2024 में चार शूटरों को गिरफ्तार किया था, जो रायपुर के व्यापारियों को निशाना बनाने की साजिश रच रहे थे।
• पूछताछ में खुलासा हुआ कि यह साजिश अमन साव और लॉरेंस बिश्नोई गिरोह के इशारे पर रची गई थी।
• पुलिस ने बताया कि अमन साव जेल में रहते हुए भी इस गैंग के माध्यम से छत्तीसगढ़ और झारखंड में हमले करवा रहा था।
अमन साव की मौत के बाद पुलिस का अगला कदम
झारखंड और छत्तीसगढ़ पुलिस के लिए यह ऑपरेशन बड़ी सफलता है, लेकिन पुलिस अभी भी उसके बाकी गुर्गों और गैंग के सफाए के लिए अभियान जारी रखेगी।
पुलिस ने कहा,
“हम अमन साव के बचे-खुचे नेटवर्क को पूरी तरह खत्म करने के लिए लगातार छापेमारी कर रहे हैं। उसका अपराध साम्राज्य पूरी तरह ध्वस्त कर दिया जाएगा।”

अपराध की दुनिया का एक और अंत
अमन साव का अंत झारखंड और छत्तीसगढ़ पुलिस की साहसिक कार्रवाई का परिणाम है। एक ऐसा अपराधी, जो जेल में रहते हुए भी रंगदारी और हत्या की साजिशें रच रहा था, अब खत्म हो चुका है।
हालांकि, पुलिस के लिए अभी भी चुनौती बाकी है—अमन साव के बचे-खुचे गुर्गों को पकड़ना और उसके आपराधिक नेटवर्क को पूरी तरह खत्म करना। पुलिस का कहना है कि गैंगस्टर चाहे जितना भी ताकतवर हो, कानून के शिकंजे से बच नहीं सकता।

Author: Ravi Shukla
Editor in chief