नए आपराधिक कानूनों पर आधारित जीवंत मंचन को मुख्यमंत्री ने सराहा, दर्शकों में उत्साह की लहर
जब पुलिस बनी कलाकार दंड से न्याय की ओर में कानून और संवेदना का संगम
रायपुर ।छत्तीसगढ़ राज्य के 25वें स्थापना दिवस पर आयोजित राज्योत्सव 2025 में जशपुर पुलिस द्वारा प्रस्तुत नाटक दंड से न्याय की ओर ने दर्शकों का दिल जीत लिया है। नए आपराधिक कानूनों भारतीय न्याय संहिता भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम भारतीय साक्ष्य अधिनियम पर आधारित यह ज्ञानवर्धक प्रस्तुति कानून की जटिलताओं को सरल और रोचक ढंग से आमजन तक पहुंचा रही है।
राज्योत्सव के पुलिस पंडाल में प्रतिदिन आयोजित इस नाट्य प्रस्तुति ने दर्शकों का ध्यान अपनी ओर खींच लिया है और अब यह पूरे राज्योत्सव का मुख्य आकर्षण बन चुकी है।
मुख्यमंत्री ने की प्रशंसा

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने स्वयं इस नाट्य प्रस्तुति का अवलोकन किया। उन्होंने कहा ऐसी प्रस्तुतियाँ न केवल मनोरंजन का माध्यम हैं, बल्कि यह समाज में जागरूकता फैलाने का सशक्त जरिया भी हैं। इस नाटक ने नए कानूनों को बेहद सरल और प्रभावी तरीके से जनता के सामने रखा है।उनके साथ वरिष्ठ अधिकारी गणमान्य नागरिक और आम दर्शक मौजूद थे जिन्होंने इस अनोखी पहल की सराहना की।
पुलिस अधिकारियों ने निभाए अभिनय के पात्र

इस नाटक की विशेषता यह है कि इसके सभी 30 पात्र वास्तविक पुलिस अधिकारी और कर्मचारी हैं। किसी ने थानेदार की भूमिका निभाई तो कोई फॉरेंसिक अधिकारी अधिवक्ता या न्यायाधीश के रूप में मंच पर उतरा।नाटक का निर्देशन एसएसपी जशपुर आईपीएस शशि मोहन सिंह ने किया है जबकि डॉ आनंद पाण्डेय ने सह निर्देशन का दायित्व निभाया।

यह नाट्य परियोजना पुलिस मुख्यालय सीआईडी शाखा की परिकल्पना है जिसे प्रदेश के डीजीपी अरुण देव गौतम और आईजी श्री ध्रुव गुप्ता के मार्गदर्शन में साकार किया गया।
न्याय की यात्रा एफआईआर से अदालत तक

कुल 10 दृश्यों में विभाजित इस नाटक की कहानी एक हत्या और डकैती की घटना से शुरू होती है। पुलिस कंट्रोल रूम में खबर मिलते ही त्वरित कार्रवाई होती है एफआईआर दर्ज, घटनास्थल पर फॉरेंसिक टीम की जांच, साक्ष्यों का संकलन और हर कदम की वीडियोग्राफी।
नए कानूनों के अनुरूप 70 दिनों में पुलिस जांच पूरी होती है और 90 दिनों में अदालत का फैसला

नाटक में ई-साक्ष्य ऐप सीसीटीएनएस एनए एफआईएस और क्राइम मल्टी एजेंसी सेंटर जैसी आधुनिक तकनीकों का उपयोग दिखाया गया है, जिससे अपराध जांच तेज, पारदर्शी और सटीक बन रही है।
विज्ञान और संवेदना का संगम

नाटक दर्शकों को यह समझाता है कि फिंगरप्रिंट, डीएनए और वॉइस सैंपल जैसे वैज्ञानिक साक्ष्य अब न्याय प्रक्रिया के महत्वपूर्ण अंग हैं।यह प्रस्तुति यह संदेश देती है कि भारतीय न्याय व्यवस्था अब केवल दंड नहीं, बल्कि न्याय पर केंद्रित है।
टीम की मेहनत, जनता का स्नेह
इस नाटक के निर्माण में डीआईजी प्रखर पाण्डेय एआईजी विवेक शुक्ला अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक श्रीमती वर्षा मिश्रा, डीएसपी डॉ. प्रमिला और उनकी टीम का विशेष योगदान रहा।
कला के ज़रिए कानून की बात ,जशपुर पुलिस का अभिनव प्रयास

एसएसपी शशि मोहन सिंह ने बताया हमारे नाटक ‘दंड से न्याय की ओर’ को जनता का भरपूर प्यार मिल रहा है। दर्शक संवाद सत्र में बताते हैं कि इस प्रस्तुति से नए कानूनों को समझना बहुत आसान हो गया है। यह पुलिस और समाज के बीच भरोसे की नई शुरुआत है।
संदेश साफ़ -कानून अब संवेदनशील और जनहितैषी
दंड से न्याय की ओर केवल एक नाट्य प्रस्तुति नहीं, बल्कि जनजागरण की एक जीवंत कक्षा है।जशपुर पुलिस ने यह सिद्ध किया है कि कानून की जानकारी अदालतों से निकलकर मंच तक लाई जा सकती है और जब कानून संवेदना के साथ जुड़ता है तब न्याय सशक्त और मानवीय बनता है।
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