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November 13, 2025 4:09 am

ट्रेन मैनेजरों की लंबित समस्याओं के समाधान की मांग -ऑल इंडिया गार्ड्स काउंसिल ने जताई गहरी चिंता

बिलासपुर। ऑल इंडिया गार्ड्स काउंसिल ने रेल प्रशासन से ट्रेन मैनेजरों की वर्षों पुरानी समस्याओं के त्वरित समाधान की मांग की है। काउंसिल ने कहा है कि ट्रेन मैनेजरों की कई शिकायतें करीब दो दशकों से लंबित हैं, जिन पर लगातार आग्रह और प्रतिनिधित्व के बावजूद कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है। इस लम्बे इंतजार ने न केवल कर्मचारियों का मनोबल गिराया है बल्कि उन्हें व्यावसायिक और व्यक्तिगत कठिनाइयों का सामना करना पड़ा है। काउंसिल ने रेल मंत्रालय से इन मुद्दों पर त्वरित और न्यायसंगत हस्तक्षेप की अपील की है।

8वें वेतन आयोग के शीघ्र क्रियान्वयन की मांग

काउंसिल ने कहा कि वित्त मंत्रालय ने 3 नवंबर 2025 को 8वें वेतन आयोग की अधिसूचना जारी की थी। अब मंत्रालय को चाहिए कि आयोग के कार्यों को गति देने के लिए पर्याप्त कर्मचारियों और कार्यालय स्थान की व्यवस्था सुनिश्चित करे।

असिस्टेंट गार्ड के गैर-मौजूद पद को हटाने की अपील

काउंसिल ने बताया कि पार्सल लीजिंग योजना लागू होने के बाद सहायक गार्ड का पद अप्रासंगिक हो गया था। रेलवे बोर्ड ने 2012 में इस पद को समाप्त करने का निर्देश दिया था, फिर भी यह रिकॉर्ड में अब तक बना हुआ है। काउंसिल ने आग्रह किया कि इस गैर-जरूरी पद को तत्काल रिकॉर्ड से हटाया जाए।

ट्रेन मैनेजरों को उचित वेतन स्तर देने की मांग

काउंसिल ने कहा कि गुड्स गार्ड (गुड्स ट्रेन मैनेजर) के वेतनमान में वृद्धि की मांग पिछले 20 वर्षों से लंबित है। 4वें और 5वें वेतन आयोग के समय जो समानता ऑपरेटिंग विभाग की अन्य श्रेणियों के साथ थी, उसे बहाल किया जाए। गुड्स गार्ड के लिए प्रवेश वेतन 4600 ग्रेड पे, सीनियर गुड्स गार्ड के लिए 4800, पैसेंजर ग्रेड के लिए 5400 और मेल-एक्सप्रेस ग्रेड के लिए आनुपातिक बढ़ोतरी की मांग की गई है।

एमएसीपी लाभ से वंचित ट्रेन मैनेजरों को राहत की अपील

रेलवे बोर्ड के आदेश आरबीई 101/2009 और आरबीई 25/2011 को अदालत ने अमान्य ठहराया था। काउंसिल ने मंत्रालय से अनुरोध किया कि ट्रेन मैनेजरों को तत्काल एमएसीपी (वित्तीय उन्नयन) का लाभ दिया जाए।

रनिंग अलाउंस में 25% की बढ़ोतरी की मांग

काउंसिल ने बताया कि अन्य भत्तों में 25% वृद्धि लागू हो चुकी है, पर रनिंग अलाउंस को इससे वंचित रखा गया है। 6वें वेतन आयोग के दौरान भी डीए में वृद्धि के साथ रनिंग अलाउंस संशोधित हुआ था। काउंसिल ने इसे पक्षपातपूर्ण निर्णय बताते हुए रनिंग अलाउंस में भी 25% की बढ़ोतरी और परिणामी लाभ देने की मांग की है।

रेलवे बोर्ड के जेपीओ दिनांक 24 जनवरी 2025 को रद्द करने की मांग

काउंसिल ने कहा कि यह जेपीओ रेलवे के स्थापित नियमों और सुरक्षा मानकों के विरुद्ध है। यह ट्रेन संचालन में भ्रम और असुरक्षा पैदा कर रहा है। काउंसिल ने मांग की कि इस आदेश को निरस्त कर 13 नवंबर 2024 वाले पुराने जेपीओ को ही बहाल किया जाए।

रिक्त पदों को शीघ्र भरने की अपील

काउंसिल ने बताया कि भारतीय रेलवे में ट्रेन मैनेजरों के करीब 28% पद रिक्त हैं, जिसके चलते कर्मचारियों पर अत्यधिक कार्यभार है। उन्हें आराम और छुट्टियां भी नहीं मिल पा रही हैं। काउंसिल ने युद्धस्तर पर रिक्तियों को भरने की मांग की है।

पेंशन नियमों में सुधार की आवश्यकता पर जोर

काउंसिल ने सर्वोच्च न्यायालय के ऐतिहासिक डी.एस. नकरा बनाम भारत संघ फैसले का हवाला देते हुए कहा कि पेंशन एक अर्जित अधिकार है न कि विवेकाधीन लाभ। अतः केंद्र सरकार को पेंशन नियमों और दायित्व व्यय से संबंधित प्रावधानों की समीक्षा कर इन्हें रद्द करना चाहिए।

रनिंग अलाउंस पर आयकर छूट बढ़ाने की मांग

काउंसिल ने कहा कि रनिंग स्टाफ औसतन महीने में 26 दिन ड्यूटी करता है और यही उनका प्रमुख भत्ता है। वर्तमान में इस पर 10,000 तक की ही छूट है, जबकि भत्ते में समय-समय पर वृद्धि हुई है। काउंसिल ने आयकर अधिनियम की धारा 10(14) के तहत यह सीमा 50,000 प्रतिमाह करने की मांग की है।

कर्मचारियों के मनोबल के लिए जरूरी है त्वरित समाधान

काउंसिल ने कहा कि यदि उपरोक्त मुद्दों पर शीघ्र और सकारात्मक निर्णय लिया गया तो न केवल ट्रेन मैनेजरों का मनोबल बढ़ेगा बल्कि प्रशासन के प्रति उनका विश्वास भी मजबूत होगा। इससे कार्य वातावरण में सामंजस्य और दक्षता में वृद्धि होगी।

रवि शुक्ला
रवि शुक्ला

प्रधान संपादक

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