कलेक्टर संजय अग्रवाल एसएसपी रजनेश सिंह निगम कमिश्नर अमित कुमार के साथ पहुंचकर प्रशासनिक तैयारियों की ली बैठक
तोरवा छठ घाट एक बार फिर श्रद्धा, भक्ति और उत्साह का केंद्र बनने की ओर अग्रसर,प्रशासन और समिति की संयुक्त तैयारियों से उम्मीद , छठ महापर्व आयोजन इस बार न केवल भव्य और शांतिपूर्ण होगा, बल्कि आने वाले वर्षों के लिए बनेगा आदर्श उदाहरण
बिलासपुर। दीपावली की रौनक खत्म होते ही अब बिलासपुर में आस्था और भक्ति का महापर्व छठ पूजा की तैयारियां जोरों पर हैं। शहर का प्रसिद्द तोरवा छठ घाट जो पिछले 25 वर्षों से पाटलिपुत्र संस्कृति विकास मंच, भोजपुरी समाज और सहजानंद समाज के संयुक्त तत्वावधान में श्रद्धालुओं का आस्था केंद्र रहा है, इस बार भी श्रद्धालुओं से गुलजार होने वाला है। समिति के अनुसार यह विश्व का सबसे बड़ा स्थायी छठ घाट है। लगभग एक किलोमीटर लंबे घाट पर 27 और 28 अक्टूबर को व्रती सूर्य देव को अर्घ्य अर्पित करेंगे।
प्रशासन भी पूरी तैयारी में जुटा

प्रशासन ने इस विशाल आयोजन को लेकर मोर्चा संभाल लिया है। बुधवार को कलेक्टर संजय अग्रवाल और एसएसपी रजनेश सिंह की अध्यक्षता में छठ पूजा समिति और विभिन्न विभागों के अधिकारियों की बैठक हुई। बैठक में सुरक्षा, स्वच्छता, पार्किंग प्रकाश व्यवस्था और अन्य व्यवस्थाओं पर विस्तार से चर्चा की गई।
कलेक्टर आईएएस संजय अग्रवाल ने कहा
बिलासपुर का छठ पूरे देश में प्रसिद्ध है और यह अब शहर की पहचान बन चुका है। प्रशासन हर वर्ष की तरह इस बार भी आयोजन को सफल बनाने में हर संभव सहयोग करेगा।उन्होंने अधिकारियों के साथ घाट का निरीक्षण कर व्यवस्थाओं की समीक्षा की।
पार्किंग और यातायात की व्यवस्था
श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए दो और चार पहिया वाहनों की पार्किंग बिलासा उपवन में की जाएगी। प्रवेश और निकासी के अलग-अलग मार्ग तय किए गए हैं ताकि जाम न लगे। कलेक्टर ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि आने-जाने वाले मार्ग दुरुस्त हों और पर्याप्त रोशनी हो।
नगर निगम आयुक्त आईएएस अमित कुमार ने बताया

घाट की सफाई का काम लगभग पूरा हो चुका है और बिजली विभाग के सहयोग से प्रकाश व्यवस्था को अंतिम रूप दिया जा रहा है। गुरुनानक चौक से घाट तक के मार्ग का डामरीकरण भी किया जाएगा।
स्थायी प्रकाश व्यवस्था और जलकुंड की योजना
छठ पूजा समिति ने घाट पर हर वर्ष लगाई जाने वाली अस्थायी लाइटों को स्थायी रूप देने की मांग रखी। प्रशासन ने सहमति जताई और जल्द कार्ययोजना बनाने का आश्वासन दिया।
इसके अलावा नदी की सफाई के लिए घाट के अंतिम छोर पर विशेष जलकुंड और रैंप निर्माण की योजना बनाई गई है, ताकि प्रतिमाओं का विसर्जन वहीं किया जा सके।
एसएसपी ने कहा सुरक्षा व्यवस्था होगी कड़ी
एसएसपी आईपीएस रजनेश सिंह ने कहा कि इस बार सुरक्षा को लेकर कोई समझौता नहीं होगा। घाट, सड़कों और पार्किंग स्थलों पर 300 से अधिक पुलिस जवान तैनात रहेंगे। पूरे क्षेत्र को सीसीटीवी और ड्रोन कैमरों से कवर किया जाएगा। आपात स्थिति में फायर ब्रिगेड एसडीआरएफ और स्वास्थ्य विभाग की टीमें भी मौके पर मौजूद रहेंगी।
प्रशासन और समिति का सामंजस्य

बैठक में जिला प्रशासन और समिति के बीच कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर सहमति बनी। कलेक्टर ने कहा तोरवा छठ घाट न केवल धार्मिक स्थल है बल्कि यह मनोरम पर्यटन स्थल के रूप में भी विकसित हो सकता है। वर्षभर सांस्कृतिक और सामाजिक आयोजन हों तो स्थान का सदुपयोग बढ़ेगा।
कार्यक्रम का विस्तृत विवरण
25 अक्टूबर: नहाय-खाय और संध्या में अरपा मैया की महाआरती
26 अक्टूबर: खरना का प्रसाद
27 अक्टूबर: संध्या अर्घ्य (सूर्यास्त के समय)
28 अक्टूबर: प्रातः अर्घ्य (सूर्योदय के समय)
बैठक में कलेक्टर संजय अग्रवाल एसएसपी रजनेश सिंह डिप्टी कलेक्टर शिव बनर्जी नगर निगम आयुक्त अमित कुमार एसडीएम मनीष साहू एडिशनल एसपी राजेंद्र जयसवाल सीएमएचओ डॉ. शोभा गढ़ेवाल, और पुलिस नगर निगम पीडब्ल्यूडी जल संसाधन सीएसईबी खनिज विभाग होमगार्ड समेत अन्य विभागों के अधिकारी। समिति की ओर से पाटलिपुत्र संस्कृति विकास मंच भोजपुरी समाज और सहजानंद समाज के प्रतिनिधि उपस्थित रहे।

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