रायपुर। जेल विभाग में अनुशासनहीनता और गंभीर कदाचरण पर अब सख्ती की कार्रवाई शुरू हो गई है। अम्बिकापुर जेल में पदस्थ चार जेल प्रहरियों को सेवा से बर्खास्त कर दिया गया है, वहीं एक निलंबित सहायक जेल अधीक्षक पर भी विभागीय कार्रवाई की तलवार लटक रही है।
मिली जानकारी के अनुसार, जेल अधीक्षक अम्बिकापुर द्वारा जेल प्रहरी नीलेश केरकेट्टा, लोकेश टोप्पो, ललईराम और चंद्र प्रकाश को गंभीर कदाचरण के कारण सेवा से बर्खास्त कर दिया गया है। यह कार्रवाई भारतीय संविधान के अनुच्छेद 311 के प्रावधानों के अंतर्गत की गई है, जिसके तहत किसी सरकारी कर्मचारी को दोष सिद्ध होने पर बिना पुनर्नियुक्ति के सेवा से हटाया जा सकता है। इन चारों प्रहरियों के खिलाफ मिली शिकायतों की जांच के बाद यह पाया गया कि उन्होंने अपने पद की गरिमा और जिम्मेदारियों का उल्लंघन किया है। जांच रिपोर्ट जेल मुख्यालय को भेजी गई थी, जहां से बर्खास्तगी आदेश की विधिवत पुष्टि कर दी गई है। इसके साथ ही निलंबित सहायक जेल अधीक्षक संदीप कुमार कश्यप के खिलाफ भी कार्रवाई की तैयारी है। जेल मुख्यालय ने उनके कदाचरण एवं कर्तव्यहीनता के मामलों को गंभीर मानते हुए छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग (सीजीपीएससी) की सहमति के लिए सेवा से पदच्युत करने का प्रस्ताव भेज दिया है। बताया जा रहा है कि उनके खिलाफ लंबे समय से अनुशासनहीनता से संबंधित शिकायतें प्राप्त हो रही थीं। वहीं, इससे पहले केंद्रीय जेल दुर्ग में पदस्थ प्रहरी दिवाकर सिंह और केंद्रीय जेल बिलासपुर में पदस्थ प्रहरी समीर रौतिया सहित अन्य अपचारी जेल कर्मियों के विरुद्ध भी सख्त कार्रवाई की जा चुकी है। इन मामलों में पुलिस द्वारा वैधानिक कार्यवाही के साथ-साथ जेल प्रशासन द्वारा विभागीय जांच की प्रक्रिया भी जारी है।
क्या है मामला
मल्हार में रहने वाले मुकेश कांत को कोर्ट ने हत्या के मामले में आजीवन कारावास की सजा दी है। इसके बाद से वह बिलासपुर जेल में अपनी सजा काट रहा था। बिलासपुर जेल में हुए मारपीट के मामले के बाद आरोपित को अंबिकापुर जेल शिफ्ट कर दिया गया। अंबिकापुर जेल में वह अपनी सजा काट रहा था। जेल में बीमार होने पर उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया। इलाज के दौरान वह चार अक्टूबर को प्रहरी को चकमा देकर भाग निकला। इसके बाद वह सीधे अपनी पत्नी के पास कोनी पहुंचा। मंगलवार को वह अपनी पत्नी अमरीका बाई कुर्रे के साथ कलेक्टर कार्यालय पहुंचा। उसने अंबिकापुर जेल के प्रहरियों पर वसूली और मारपीट के आरोप लगाए। महिला ने बताया कि उसने जेल में पदस्थ कई प्रहरियों के खाते में रुपये जमा कराए हैं। रुपये नहीं मिलने पर उसके पति के साथ मारपीट की जाती है। अंबिकापुर जेल में उसके साथ कभी भी अनहोनी हो सकती है। अधिकारियों ने शिकायत की जांच के बाद जेल प्रहरियों की बर्खास्तगी की कार्रवाई की है।

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