बिलासपुर। बालोद जिले की एक महिला और उसकी बहुओं को सड़क हादसे में बेटों की मौत के बाद बीमा क्लेम की राशि मिली थी। इस रकम को दिलाने का भरोसा दिलाकर समाज के तत्कालीन प्रदेश उपाध्यक्ष ने न केवल उनके भरोसे के साथ धोखा किया, बल्कि कोर्ट के आदेश से जारी मुआवजे की रकम भी अपने कब्जे में ले ली। महिला की शिकायत पर बिलासपुर के सिविल लाइन पुलिस ने आरोपित के खिलाफ धोखाधड़ी का अपराध दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।

बालोद जिले के ग्राम कुमुरकट्टा में रहने वाली उर्मिला बाई सेन (50) ने पुलिस को बताया कि जनवरी 2024 में उनके दोनों बेटे भुवनेश्वर सेन और पिंकू राम सेन अपनी बहन के घर राजनांदगांव जा रहे थे। रास्ते में ट्रक की चपेट में आने से दोनों की मौके पर ही मौत हो गई। हादसे के बाद समाज के लोग परिवार को सांत्वना देने पहुंचे। इन्हीं में समाज के तत्कालीन प्रदेश उपाध्यक्ष अंबिकापुर, शक्तिपारा निवासी अविनाश ठाकुर भी शामिल था। उसने महिला और उसकी बहुओं को बीमा क्लेम की रकम दिलाने का भरोसा दिया। महिला ने आरोप लगाया कि अविनाश ठाकुर ने उन्हें बिलासपुर कोर्ट में मामला लगाने के लिए राजी किया। कोर्ट के आदेश पर बड़ी बहू सुनीता सेन को 20 लाख और छोटी बहू दिलेश्वरी सेन को 19 लाख रुपये का बीमा क्लेम स्वीकृत हुआ। इस दौरान अविनाश ठाकुर ने दोनों को बिलासपुर बुलाकर पंजाब नेशनल बैंक में खाते खुलवाए। महिला और उनकी बहुओं से दस्तावेजों पर हस्ताक्षर कराए गए, लेकिन पूरी राशि आरोपित ने अपने पास रख ली। परिवार को महज 70 हजार रुपये थमाकर उसने शेष 21 लाख रुपये एफडी कराने का झांसा दिया। जब महिला और उसकी बहुओं ने बार-बार रकम लौटाने की मांग की तो आरोपित ने साफ इंकार कर दिया। महिला ने बताया कि मामले की जानकारी समाज के लोगों को दी गई। इस पर बुलाई गई बैठक में अविनाश ठाकुर ने खुलेआम अपनी गलती मानी और रकम लौटाने का आश्वासन भी दिया। हालांकि बाद में वह अपने वादे से पलट गया और दबाव बनाने पर आत्महत्या की धमकी देने लगा। अंततः समाज के लोगों की मदद से पीड़िता ने थाने में शिकायत दर्ज कराई। पुलिस ने मामला कायम कर पूरे प्रकरण की जांच शुरू कर दी है। फिलहाल पुलिस कोर्ट और बैंक से संबंधित दस्तावेजों की पड़ताल कर रही है।

प्रधान संपादक




