खुले में मवेशी छोड़े तो देना होगा भारी जुर्माना,लगभग 4 हजार जानवर खुले में करते हैं विचरण सर्वे में हुआ खुलासा




बिलासपुर।जिले में बढ़ती सड़क दुर्घटनाओं और आवारा मवेशियों की समस्या को गंभीरता से लेते हुए कलेक्टर संजय अग्रवाल और एसपी रजनेश सिंह ने एक महत्वपूर्ण बैठक ली। बैठक में सभी एसडीएम, जनपद पंचायत सीईओ जोन कमिश्नर नगरपालिका अधिकारी पशु चिकित्सा विभाग और ट्रैफिक पुलिस के अधिकारी मौजूद रहे।



बैठक में यह निर्णय लिया गया कि अगर किसी सड़क दुर्घटना का कारण आवारा मवेशी बनता है, तो संबंधित पशु मालिक को सह आरोपी बनाया जाएगा। इसके साथ ही खुले में मवेशी छोड़ने पर भारी जुर्माना भी लगाया जाएगा।

कलेक्टर संजय अग्रवाल ने बरसात के दौरान सड़कों पर बैठने वाले मवेशियों को दुर्घटनाओं का मुख्य कारण बताया। उन्होंने सभी विभागों को आपसी समन्वय से इस समस्या पर प्रभावी कार्रवाई करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि शहर में ऐसे स्थान चिन्हित किए जाएं जहां मवेशी ज्यादा देखे जाते हैं और वहां नियमित गश्त कर मवेशियों को हटाया जाए।मवेशी मालिकों का पता लगाकर उनसे संपर्क करें और समझाइश दें कि मवेशी को अपनी निगरानी में रखें। खुले में न छोड़ें।
एक सर्वे के अनुसार बिलासपुर में लगभग 4 हजार जानवर खुले में घूमते पाए गए हैं। जिनके मालिको की पहचान नहीं होने पर इन्हें पशु आश्रय स्थलों में रखे जाएंगे। शहर और आसपास के ग्रामों में आधा दर्जन से ज्यादा आश्रय स्थल विकसित किए जाएंगे। शहर के मोपका, कोनी, गोकुलधाम, सहित रहँगी,धौराभांठा, पाराघाट, लावर, काटाकोनी में पशु आश्रय स्थल बनाए जाएंगे।

कलेक्टर ने कहा कि डीएमएफ फंड से शेड और पानी की व्यवस्था के लिए राशि आवंटित की जाएगी वहीं पशुओं के चारे की व्यवस्था पशु कल्याण समिति द्वारा की जाएगी। साथ ही दानदाताओं से भी सहयोग की अपील की गई है।
एसपी रजनेश सिंह ने कहा कि कानून के तहत अब पशु मालिक की जिम्मेदारी तय की जाएगी। एनएचएआई को सड़क किनारे पशुओं को रखने के लिए भूमि आरक्षित करने के निर्देश दिए गए हैं, ताकि सुरक्षित यात्रा सुनिश्चित हो सके।
इस अहम बैठक में नगर निगम आयुक्त अमित कुमार और जिला पंचायत सीईओ संदीप अग्रवाल भी शामिल रहे।

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