गृह मंत्री का सख्त संदेश – “नशे के कारोबारियों को नहीं मिलेगी राहत”




बिलासपुर पुलिस द्वारा की गई ऐतिहासिक कार्रवाई पूरे छत्तीसगढ़ के लिए बनी मिसाल



दो मामले में 4 करोड़ रुपये की अवैध संपत्ति अटैच

बिलासपुर। छत्तीसगढ़ में नशे के कारोबार के खिलाफ पुलिस ने अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया है। बिलासपुर पुलिस ने न केवल नशे के कारोबार से जुड़े लोगों को जेल के पीछे भेजा, बल्कि इस अवैध धंधे से अर्जित संपत्ति को भी जब्त किया है। खास बात यह है कि पुलिस ने अपने ही विभाग के चार कर्मचारियों को इस गोरखधंधे में लिप्त पाकर बर्खास्त कर दिया है।

गृह मंत्री विजय शर्मा ने इस कार्रवाई की सराहना करते हुए बिलासपुर एसपी रजनेश सिंह की पीठ थपथपाई और स्पष्ट संदेश दिया कि छत्तीसगढ़ सरकार अब नशे के व्यापारियों को किसी भी कीमत पर नहीं बख्शेगी। उन्होंने कहा कि यह पहली बार हुआ है जब नशे के कारोबार में लिप्त पुलिसकर्मियों पर इतनी सख्त कार्रवाई की गई है।

1.80 करोड़ की संपत्ति जब्त, 48 लोग गिरफ्तार
बिलासपुर पुलिस ने एनडीपीएस एक्ट के तहत बड़े पैमाने पर छापेमारी कर 180 से अधिक मामलों में कार्रवाई की है। अब तक 1.80 करोड़ रुपये की अवैध संपत्ति जब्त की जा चुकी है, जबकि 48 लोगों को हिरासत में लिया गया है। इसके अलावा, पुलिस ने हिस्ट्रीशीटर अपराधियों को भी गिरफ्तार कर उनके खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की है।
एनकॉर्ड समिति की बैठक, व्यापक कार्ययोजना तैयार

जिले में नशे पर लगाम लगाने के लिए कलेक्टर अवनीश शरण और एसपी रजनेश सिंह ने एनकॉर्ड (NCORD) समिति की बैठक आयोजित की। बैठक में अधिकारियों को निर्देश दिया गया कि नशीले पदार्थों पर रोकथाम के लिए प्रभावी कार्ययोजना बनाई जाए।
• आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के माध्यम से लोगों को नशे के खिलाफ जागरूक किया जाएगा।
• विश्वविद्यालयों में जागरूकता अभियान चलाने के लिए कुलपतियों को पत्र भेजा जाएगा।
• छात्रावासों की नियमित जांच कराई जाएगी ताकि वहां नशे का प्रसार रोका जा सके।
• नशा मुक्ति केंद्रों को सक्रिय करने के निर्देश दिए गए हैं।
बैठक में नगर निगम कमिश्नर अमित कुमार, सीईओ जिला पंचायत संदीप अग्रवाल, सीएमएचओ डॉ. प्रमोद तिवारी, जिला शिक्षा अधिकारी अनिल तिवारी, समाज कल्याण विभाग और महिला एवं बाल विकास विभाग के अधिकारी भी उपस्थित थे।
गृह मंत्री का सख्त संदेश – “नशे के कारोबारियों को नहीं मिलेगी राहत”
गृह मंत्री विजय शर्मा ने साफ कहा कि सरकार नशे के अवैध कारोबार में लिप्त लोगों को किसी भी हाल में बख्शने वाली नहीं है। बिलासपुर पुलिस की इस ऐतिहासिक कार्रवाई को उदाहरण बताते हुए उन्होंने कहा कि अगले दिनों में यह अभियान और तेज होगा, ताकि छत्तीसगढ़ को नशा मुक्त बनाया जा सके।
बिलासपुर पुलिस की कार्रवाई बनी मिसाल

बिलासपुर पुलिस द्वारा की गई यह ऐतिहासिक कार्रवाई पूरे छत्तीसगढ़ के लिए एक मिसाल बन गई है। विभागीय अधिकारियों तक पर कार्रवाई कर पुलिस ने यह संदेश दिया है कि अपराधी चाहे कोई भी हो, उसे बख्शा नहीं जाएगा।
बिलासपुर पुलिस और साफेमा कोर्ट (SAFEMA Court) की इस कार्रवाई से साफ है कि प्रशासन अवैध नशा कारोबारियों और भ्रष्ट पुलिसकर्मियों के खिलाफ सख्त कदम उठा रहा है। नशे की तस्करी से अर्जित संपत्ति को जब्त कर आर्थिक रूप से कमजोर करना एक प्रभावी तरीका है जिससे अपराधियों की अवैध गतिविधियों पर अंकुश लगाया जा सके।
इस मामले में प्रमुख घटनाक्रम जो सामने आए हैं:
जीआरपी के चार आरक्षकों की संपत्ति जब्त
ये पुलिसकर्मी ड्यूटी के दौरान जब्त गांजे को तस्करों को सौंपते थे।
इस अवैध कारोबार से करोड़ों की संपत्ति अर्जित की गई, जिसमें जमीन, मकान और महंगी गाड़ियां शामिल हैं।
सफेमा कोर्ट ने पुलिस की रिपोर्ट के आधार पर संपत्ति जब्त करने का आदेश दिया।
महिला तस्कर काजल कुर्रे समेत अन्य नशा कारोबारियों की संपत्ति जब्त
संजीव छाबड़ा उर्फ सुच्चा और उसके सहयोगियों की नागपुर, जबलपुर, और फरीदाबाद में संपत्ति जब्त।
बैंक और शेयर बाजार में किए गए 33 लाख रुपये के निवेश को भी जब्त किया गया।
कुल 4 करोड़ रुपये की अवैध संपत्ति अटैच की गई।
क्या है SAFEMA कानून ?
स्मगलर्स एंड फॉरेन एक्सचेंज मैनिप्यूलेटर्स एक्ट (SAFEMA) के तहत उन लोगों की संपत्ति जब्त की जा सकती है जो ड्रग्स तस्करी, तस्करी, हवाला लेन-देन या किसी अन्य अवैध गतिविधि से कमाई करते हैं।
यह कार्रवाई संदेश देती है कि प्रशासन अब केवल गिरफ्तारी तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि नशा तस्करों और भ्रष्ट अधिकारियों की अवैध संपत्ति को भी जब्त कर उन्हें आर्थिक रूप से कमजोर करेगा।

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