बिलासपुर।- दुर्ग से छपरा चलने वाली सारनाथ एक्सप्रेस को नियमित रूप से चलाने के लिए विधायक धर्मजीत सिंह ने रेल मंत्री को पत्र लिखा है । तखतपुर विधायक धर्मजीत सिंह ने पत्र मे रेल मंत्री से कहा है कि आपके संज्ञान में एक अत्यंत ही महत्वपूर्ण विषय लाना चाहता हूँ। हमारा छत्तीसगढ़ राज्य विकास के पथ की ओर अग्रसर होता हुआ प्राकृतिक एवं खनिज संसाधन से परिपूर्ण हैं, जिसके कारण उत्तर प्रदेश और बिहार के बड़ी संख्या में लोग यहां कामकाज एवं भ्रमण करने के साथ-साथ निवासरत हैं। हमारे छत्तीसगढ़ के नागरिक धार्मिक कार्य एवं अंतिम क्रिया-कर्म करने के लिए लगातार प्रयागराज और काशी की यात्रा करते हैं और इस मार्ग पर चलने वाली दुर्ग से छपरा सारनाथ एक्सप्रेस 15159 और 15160 प्रतिदिन चलने वाली ट्रेन हैं, जो विगत 40 वर्षों से चल रही हैं। वर्तमान में इस ट्रेन को दिसंबर, जनवरी और फरवरी के महीने में कोहरे की आशंका को दृष्टिगत रखते हुए आधे से अधिक दिनों में रद्द कर दिये हैं. अर्थात प्रतिदिन चलने वाली सारनाथ एक्सप्रेस सप्ताह में केवल तीन दिन चलेगी। आगामी समय में प्रयागराज में महाकुंभ का आयोजन हो रहा हैं, जहां यात्रियों को सुविधा प्रदान करने के लिए 150 स्पेशल ट्रेन चलाने की घोषणा की गई हैं उस स्थिति में छत्तीसगढ से इस मार्ग पर चलने वाली नियमित ट्रेन को कोहरे की आशंका से कर रद्द करने से यात्रियों को बहुत असुविधा हो रही हैं।




दुर्ग से छपरा, सारनाथ एक्सप्रेस से प्रतिदिन 1000 से अधिक यात्री सफर करते हैं। वर्तमान में इस ट्रेन को 76 दिनों के लिए रद्द कर दिया गया हैं, इस स्थिति में इस ट्रेन से सफर करने वालों का आंकड़ा अगर निकाला जाए तो इससे प्रभावित यात्रियों की संख्या लगभग डेढ़ लाख से अधिक होगी जो आगामी महाकुंभ को देखते हुए यह संख्या और अधिक होने की संभावना है।



वर्तमान में दुर्ग से छपरा चलने वाली सारनाथ एक्सप्रेस को आगामी समय में कोहरा पड़ने की संभावना से रद्द किया जाना न्यायोचित प्रतीत नहीं होता हैं क्योंकि कोहरा पड़ने की पूर्वानुमान 03 माह पहले तो मौसम विज्ञानी भी लगाने में असमर्थ रहते हैं और कोहरा पड़ने की संभावना से रद्द करना जनहित में उचित प्रतीत नहीं होता हैं।

अतः आपसे सादर आग्रह हैं कि जनहित में दुर्ग से छपरा चलने वाली सारनाथ एक्सप्रेस को रद्द करने के निर्णय पर पुनर्विचार करते हुए प्रतिदिन नियमित रूप से चलाने हेतु संबंधितों को निर्देशित करने का कष्ट करेंगे।

प्रधान संपादक