बिलासपुर।राज्य विधानसभा का चुनाव भाजपा ने 16 लाख लोगों को प्रधानमंत्री आवास देने के वादे पर जीती और सरकार बनने के बाद 16 लाख गरीबों को प्रधानमंत्री आवास देने की घोषणा भी कर दी गई लेकिन असली खेल अब शुरू हुआ है । भाजपा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट कहे जाने वाली इस योजना में सुनियोजित तरीके से वसूली की जाने लगी है । हम सिर्फ नगर निगम बिलासपुर का ही उदाहरण दे रहे है यहाँ हितग्राहियों से कमीशन लेने पूरा रैकेट काम कर रहा है । नगरीय निकाय मंत्री और जिले के प्रभारी मंत्री अरुण साव के जिला मुख्यालय में प्रधानमंत्री आवास योजना के हितग्राहियों से 50 फीसदी तक राशि वसूल करने आमादा है ।ये वसूली करने वाला रैकेट जांजगीर से एयरपोर्ट और विकास भवन तक सक्रिय है और इसमें कुछ भाजपा पार्षद भी सक्रिय है जो हितग्राहियों को कमीशन की राशि दलाल को देने दबाव डालते है ।हमारे पास एक हितग्राही द्वारा एक दलाल को ऑन लाइन 25 हजार रुपए देने का स्क्रीन शॉट भी है । उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री आवास योजना को लेकर भूपेश सरकार पर पानी पी पी कर कोसते हुए आवास की राशि रोकने का आरोप लगाते रहे और चुनाव जीतने के बाद आवास योजना में ही भ्रष्टाचार की शुरुआत की गई ।निगम में कार्यरत एक महिला कर्मचारी और उसके पति की भूमिका भी संदिग्ध है । कुछ वर्षों पहले सरकार ने विश्व बैंक की मदद से एक योजना शुरू की थी जिसका नाम था नवा अंजोर लेकिन इसमें इतना भ्रष्ट्राचार होने लगा कि इसे “नवा अंजोर ,आधा तोर आधा मोर” के नाम से चर्चित हो गया था । लगता है प्रधानमंत्री आवास योजना भी उसी तर्ज पर आधा तोर आधा मोर की भेंट न चढ़ जाए ।टाउन हाल और विकास भवन में आवास योजना का रैकेट सक्रिय है और निगम के आला अफसरों को इसकी जानकारी न हो ऐसा कैसे हो सकता है । उल्लेखनीय है कि अटल आवास योजना के तहत गरीबों को नगर निगम का फर्जी रसीद काट कर उनसे करोड़ों रुपए वसूले गए थे बाद में सरकंडा क्षेत्र के एक भाजपा पार्षद ने आत्महत्या कर ली थी।