बिलासपुर। सकरी थाना क्षेत्र के आसमा सिटी फेस-2 में रहने वाले सीआरपीएफ से सेवानिवृत्त कर्मचारी से साइबर ठगों ने खुद को टेलीकॉम कार्यालय और क्राइम ब्रांच का अधिकारी बताकर 6 लाख 30 हजार रुपये की ठगी कर ली। पीड़ित की शिकायत पर सकरी थाना पुलिस ने अपराध दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी है।

सकरी पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार आसमा सिटी में रहने वाले दिवाकर मंडल (61) सीआरपीएफ के रिटायर्ड कर्मचारी हैं। उनके मोबाइल पर दो नवंबर 2025 की सुबह आनजान नंबर से काॅल आया। कॉल करने वाले ने स्वयं को टेलीकॉम कार्यालय का कर्मचारी बताते हुए कहा कि पीड़ित के आधार कार्ड और पैन कार्ड का दुरुपयोग कर मुंबई में कनाडा बैंक में एक खाता खोला गया है। इसके बाद कॉल को दूसरे व्यक्ति से कनेक्ट किया गया, जिसने खुद को मुंबई क्राइम ब्रांच का अधिकारी बाल सिंह राजपूत बताया। आरोपी ने दावा किया कि पीड़ित का नाम मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में जुड़ा हुआ है और उन्हें लॉरेंस बिश्नोई से जुड़े केस में फंसाया गया है। इसके बाद व्हाट्सएप कॉल के माध्यम से पीड़ित को उनका आधार कार्ड और पैन कार्ड दिखाया गया, जिससे उन्हें कॉल करने वालों की बात पर विश्वास हो गया। ठगों ने यह भी कहा कि पीड़ित के नाम से वारंट जारी हो चुका है और यदि तुरंत कार्रवाई नहीं की गई तो उन्हें गिरफ्तार किया जा सकता है। आरोपियों ने पीड़ित को यह कहकर डराया कि उनके खाते में मौजूद रकम एक विशेष खाते में भेजी जाए, ताकि उस राशि को ट्रैक कर असली अपराधी को पकड़ा जा सके और पीड़ित का नाम मामले से हटा दिया जाएगा। साथ ही, इस पूरे मामले की जानकारी किसी को न देने की हिदायत भी दी गई। ठगों के झांसे में आकर पीड़ित ने छह नवंबर को आरटीजीएस के माध्यम से आईडीबीआई बैंक, मिलरगंज स्थित एक खाते में 6 लाख 30 हजार रुपये ट्रांसफर कर दिए। रुपये ट्रांसफर करने के बाद जब पीड़ित ने संबंधित मोबाइल नंबरों पर संपर्क करने की कोशिश की, तो सभी नंबर बंद मिले। तब उन्हें एहसास हुआ कि उनके साथ साइबर ठगी की गई है। पीड़ित की रिपोर्ट पर सकरी पुलिस ने जुर्म दर्ज कर ठग गिरोह के लोगों की तलाश शुरू कर दी है।
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