रतनपुर। धान उपार्जन केंद्र रतनपुर में किसानों की लगातार बढ़ती समस्याओं को लेकर कोटा विधायक अटल श्रीवास्तव ने किसान जन चौपाल का आयोजन किया। चौपाल में किसानों की शिकायतें सुनकर त्वरित निराकरण हेतु संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए गए। इस दौरान तहसीलदार शिल्पा भगत, पटवारी दिलीप परस्ते, जिला सहकारी बैंक प्रबंधक मंडी प्रबंधक राकेश श्रीवास रवि चित्रकार सहित सभी जिम्मेदार अधिकारी कर्मचारी उपस्थित रहे।
किसानों ने बताया कि एग्रिस्टेक पंजीयन में त्रुटि, रकबा घटाए जाने, तथा ऑनलाइन टोकन काटने में सर्वर समस्या जैसी दिक्कतें लगातार बढ़ रही हैं। किसानों ने यह भी कहा कि कांग्रेस सरकार में रतनपुर उपार्जन केंद्र 256 पर प्रतिदिन 2300 क्विंटल धान खरीदा जाता था, जबकि वर्तमान साय सरकार में इसे घटाकर मात्र 1100 क्विंटल कर दिया गया है। विधायक श्रीवास्तव ने कहा कि इन सभी मुद्दों पर विधानसभा में सरकार का घेराव किया जाएगा।

उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार की मंशा स्पष्ट नहीं है। किसानों का धान न खरीदा जाए, इसलिए उन्हें नियमों और प्रक्रिया में उलझाकर परेशान किया जा रहा है।” महासमुंद जिले में टोकन न मिलने पर किसान द्वारा आत्महत्या के प्रयास की घटना को गंभीर बताते हुए उन्होंने कहा कि ऐसी घटनाएँ अत्यंत चिंताजनक हैं और कांग्रेस पार्टी किसानों की समस्याओं के समाधान को लेकर प्रतिबद्ध है। सभी उपार्जन केंद्रों में कांग्रेस की निगरानी समितियाँ बनाई गई हैं, जो किसानों की समस्याओं पर तुरंत कार्रवाई करा रही हैं।
कार्यक्रम में ब्लॉक समन्वयक शीतल जायसवाल, किसान कांग्रेस अध्यक्ष अभिषेक मिश्रा सुभाष अग्रवाल शिवा पांडे, मदन रामगोपाल कहर जितेंद्र चंदेल पार्षद पुष्पकांत कश्यप रियाज खोखर सावन यादव संजीव जायसवाल सैफ अली, विमल सोनी संतोष सोनी कुलदीप दुबे रॉकी अनुरागी संजय कोशले सहित बड़ी संख्या में किसान मौजूद रहे। कई किसानों की शिकायतों का मौके पर ही तहसीलदार ने समाधान किया, जबकि जटिल मामलों को आगे की कार्रवाई के लिए रिमार्क किया गया।
विधायक अटल श्रीवास्तव ने कहा कि रतनपुर समिति में पर्याप्त व्यवस्था मौजूद है, लेकिन सरकारी नियमों में उलझे किसानों की पीड़ा सुनने वाला कोई नहीं। उन्होंने कहा कि विधानसभा सत्र में धान खरीदी को लेकर सरकार से जवाब मांगा जाएगा। उन्होंने आश्वस्त किया कि किसानों की उपज का हर एक दाना खरीदा जाए और उन्हें उचित मूल्य मिलना सुनिश्चित किया जाएगा।उक्त जानकारी अभय नारायण राय ने दी ।
प्रधान संपादक

