छत्तीसगढ़ । उल्लास नवभारत साक्षरता कार्यक्रम के तहत रविवार, 07 दिसंबर को जिलेभर में नवसाक्षरों के लिए व्यापक स्तर पर मूल्यांकन परीक्षा आयोजित की गई। जिले के चारों विकासखंडों बिल्हा मस्तूरी तखतपुर और कोटा में कुल 493 परीक्षा केंद्र बनाए गए थे। परीक्षा में जिले के लगभग नब्बे फीसदी पंजीकृत असाक्षरों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया।
कलेक्टर ने भेजा था नेवता पाती,असाक्षरों की बढ़ी भागीदारी

जिला प्रशासन की ओर से कलेक्टर एवं जिला साक्षरता मिशन प्राधिकरण के अध्यक्ष द्वारा असाक्षरों को परीक्षा में भाग लेने के लिए नेवता पाती भेजी गई थी। इसका सकारात्मक प्रभाव दिखाई दिया।कहीं सास–बहू की जोड़ी तो कहीं बुजुर्ग दंपत्तियों ने भी अपने दैनिक कार्य छोड़कर परीक्षा केंद्र पहुंचकर परीक्षा दी।

चारों विकासखंडों में परीक्षा केंद्र बिल्हा – 52 मस्तूरी – 56 तखतपुर – 63 कोटा – 322 सबसे अधिक शामिल हुए । राज्य साक्षरता मिशन प्राधिकरण द्वारा इस बार बिलासपुर जिले को 33,260 असाक्षरों को परीक्षा में शामिल करने का लक्ष्य दिया गया था। इनमें पूर्व में अनुत्तीर्ण या अनुपस्थित रहे शिक्षार्थी भी शामिल हुए। साथ ही नवनिर्दिष्ट असाक्षरों ने भी परीक्षा दी।
200 घंटे का निःशुल्क अध्ययन
सभी पंजीकृत असाक्षरों को स्वयंसेवकों द्वारा निःशुल्क 200 घंटे का प्रशिक्षण दिया गया। इसमें ‘प्रवेशिका’ के सातों भाग शामिल रहे, जिनके माध्यम से उन्हें पढ़ना–लिखना, समझना तथा संख्यात्मक ज्ञान सिखाया गया। परीक्षा में इन्हीं क्षमताओं का आकलन FLNAT (बुनियादी साक्षरता एवं संख्यात्मक ज्ञान परीक्षा) के माध्यम से किया गया।
जेल बंदियों ने भी दी परीक्षा

बिलासपुर के केन्द्रीय जेल के 100 महिला एवं पुरुष बंदियों ने भी कार्यक्रम के अंतर्गत अध्ययन पूरा करने के बाद उल्लास महा परीक्षा में भाग लिया। इन्हें पढ़ाने का कार्य जेल के भीतर ही शिक्षित बंदियों ने स्वयंसेवक के रूप में किया।जिला शिक्षा अधिकारी विजय कुमार टांडे ने केन्द्रीय जेल पहुंचकर परीक्षा का निरीक्षण किया। उनके साथ जिला परियोजना अधिकारी भी मौजूद रहे।
जिले की साक्षरता दर और विशेष प्रावधान

2011 की जनगणना के अनुसार बिलासपुर जिले की साक्षरता दर 74.76% थी। शेष लोगों को साक्षर बनाने के लिए केंद्र सरकार की ओर से विभिन्न योजनाएं समय समय पर संचालित की जा रही हैं।
वर्ष 2030 तक देश को शत–प्रतिशत साक्षर बनाने का लक्ष्य निर्धारित

छत्तीसगढ़ सरकार के विशेष प्रावधान के अनुसार 10वीं और 12वीं के वे विद्यार्थी जो 10 असाक्षरों को पढ़ा रहे हैं, उन्हें बोर्ड परीक्षा में 10 बोनस अंक प्रदान किए जाएंगे।
शांतिपूर्वक तरीके से सम्पन्न हुई परीक्षा

परीक्षा को व्यवस्थित और शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न कराने हेतु संयुक्त संचालक, शिक्षा विभाग ने अलग से ऑब्जर्वर तथा जिला स्तरीय निरीक्षण दल का गठन किया था। दल ने सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक विभिन्न परीक्षा केंद्रों का निरीक्षण किया।
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