पर्दाफाश के बाद प्रार्थी ही बना आरोपी, एसएसपी विजय अग्रवाल ने किया खुलासा
छत्तीसगढ़ ,दुर्ग । हिताची कंपनी के एटीएम में कैश लोडिंग वर्कर द्वारा 14 लाख 60 हजार रुपए की कथित लूट की कहानी पूरी तरह मनगढ़ंत निकली। दुर्ग पुलिस ने शनिवार को मामले का खुलासा करते हुए बताया कि प्रार्थी ने स्वयं ही फर्जी लूट की कहानी रची थी। पूछताछ में सच सामने आने पर पुलिस ने उसे हिरासत में लेकर अपराध दर्ज कर लिया है।

घटना की सूचना मिलते ही एसएसपी आईपीएस विजय अग्रवाल, एएसपी शहर सुखनंदन राठौर और कुम्हारी थाना पुलिस तुरंत मौके पर पहुंच गए थे। प्रारंभिक जांच में ही पुलिस को कई बिंदुओं पर संदेह हुआ और बाद में पूरा मामला फर्जी साबित हो गया। एसएसपी विजय अग्रवाल ने बताया कि 6 दिसंबर की शाम करीब साढ़े 7 बजे कुम्हारी पुलिस को कपसदा गांव में ग्लोबल स्कूल के पास 14.60 लाख रुपए से भरे बैग की लूट की सूचना मिली थी।
प्रार्थी आशीष राठौर (34 वर्ष), निवासी चरोदा, हिताची कंपनी के एटीएम में कैश लोडिंग करने वाली एजेंसी का वर्कर है। उसने दावा किया था कि नेहरू नगर से कैश लेकर अपने भांजे मनीष राठौर के साथ रायपुर और दुर्ग के एटीएमों में लोडिंग के लिए जा रहा था। इसी दौरान तीन अज्ञात युवकों ने उनकी मोटरसाइकिल रोककर चाकू की नोक पर कैश से भरा बैग लूट लिया।
लेकिन घटनास्थल पर पहुंची पुलिस को कई तथ्य सामने संदिग्ध लगे। आशीष ने बताया कि मोटरसाइकिल गिर गई थी, जबकि उसके शरीर या वाहन पर खरोंच तक नहीं मिली। साथ ही घटनास्थल पर उसका भांजा भी मौजूद नहीं था।
थाने में एसएसपी विजय अग्रवाल और एएसपी सुखनंदन राठौर द्वारा की गई विस्तृत पूछताछ में आशीष की कहानी पूरी तरह ढह गई और उसने फर्जी लूट की बात कबूल कर ली। इसके बाद पुलिस ने उस पर अपराध दर्ज कर उसे हिरासत में ले लिया है।
दुर्ग पुलिस ने कहा कि एटीएम कैश संबंधी मामलों में इस प्रकार का फर्जीवाड़ा गंभीर अपराध है और इसमें शामिल किसी भी व्यक्ति के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी।
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