बिलासपुर। शहर में साइबर ठगी का एक और मामला सामने आया है। सिम्स में पदस्थ एक डॉक्टर के मोबाइल फोन को हैक कर जालसाजों ने बैंक खातों से एक लाख 74 हजार रुपये उड़ा दिए। पीड़ित डॉक्टर ने सरकंडा थाने में इसकी शिकायत दर्ज कराई, जिसके बाद पुलिस ने मामला अपराध दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।

सरकंडा पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार, जांजगीर-चांपा जिले के कन्हईबंद निवासी उमाकांत राठौर सिम्स में डॉक्टर के पद पर पदस्थ हैं। वे बिलासपुर के मोपका स्थित विजय शेखर अपार्टमेंट में रहकर ड्यूटी करते हैं। डॉक्टर राठौर ने पुलिस को बताया कि मंगलवार दोपहर उनका मोबाइल फोन अचानक अपने आप अपडेट होने लगा। यह देखकर उन्होंने एहतियातन फोन बंद कर दिया। उन्हें यह अंदेशा नहीं था कि इसी दौरान किसी जालसाज ने उनके मोबाइल सिस्टम तक पहुंच बना ली है। अगले ही दिन उनके मोबाइल पर बैंक खाते से रुपये ट्रांसफर होने के मैसेज आने लगे। जब उन्होंने अपने बैंक अकाउंट चेक किए तो पाया कि अलग-अलग खातों से एक लाख 74 हजार रुपये दो अलग-अलग बैंक खातों में ट्रांसफर कर दिए गए हैं। अचानक हुए इस ट्रांजेक्शन से डॉक्टर राठौर हैरान रह गए और तुरंत साइबर क्राइम पोर्टल पर शिकायत दर्ज कराई। साइबर पोर्टल की प्रारंभिक जांच में पता चला कि एक विशेष एप के माध्यम से उनके मोबाइल में घुसपैठ कर यह ठगी की गई है। फिलहाल यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि ठगों ने कौन-सा एप इस्तेमाल किया और कैसे फोन का कंट्रोल हासिल किया। पुलिस अब यह पता लगाने में जुटी है कि मोबाइल हैकिंग किस तकनीक से की गई और रुपये किस खातों में भेजे गए हैं। संबंधित खातों के विवरण और लेन-देन की जानकारी जुटाई जा रही है। सरकंडा पुलिस ने डॉक्टर की शिकायत पर मामला दर्ज कर लिया है। पुलिस साइबर सेल की मदद से तकनीकी विश्लेषण कर ठगों तक पहुंचने का प्रयास कर रही है। अधिकारियों का कहना है कि इस तरह की घटनाओं में बढ़ोतरी हो रही है, इसलिए मोबाइल अपडेट, ओटीपी और संदिग्ध लिंक को लेकर लोगों को अधिक सतर्क रहने की आवश्यकता है।
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