बिलासपुर। हाईकोर्ट आवासीय परिसर के करीब स्थित रहंगी मुक्तिधाम में घोर अव्यवस्था को लेकर चीफ जस्टिस की डीबी ने संज्ञान लेकर सुनवाई शुरू की है। मुख्य सचिव ने कोर्ट के आदेश पर शपथपत्र पेश किया इसमें बताया गया कि, मुक्तिधामों के रखरखाव के संबंध में आवश्यक दिशानिर्देश जारी किए गए हैं। इसके अलावा, कलेक्टर, बिलासपुर ने हलफनामे में रहंगी ग्राम पंचायत स्थित मुक्तिधाम (अंत्येष्टि स्थल) में आवश्यक बुनियादी सुविधाएं प्रदान करने की बात कही है।
बीते महीने चीफ जस्टिस एक न्यायिक अधिकारी के पिता की अंत्येष्टि में शामिल होने बिल्हा ब्लॉक के ग्राम रहंगी स्थित मुक्तिधाम पहुंचे थे। वहां की स्थिति देख चीफ जस्टिस हैरान रह गए। उन्होंने देखा कि मुक्तिधाम में कोई बाउंड्रीवॉल या फैसिंग नहीं है। पहुंचने का रास्ता गड्डों से भरा है और बारिश में पानी भर जाता है, जिससे लोगों का पहुंचना मुश्किल होता है। जगह- जगह झाड़ियां और जंगली घास है, जहां सांप और जहरीले कीड़ों के आने की आशंका है। इस स्थिति पर संज्ञान लेते हुए उन्होंने अवकाश के दिन भी डिवीजन बेंच में जनहित याचिका के रूप में सुनवाई की। मुख्य सचिव से शपथपत्र पर जवाब माँगा गया था। आज इसी मामले में सुनवाई होने पर मुख्य सचिव ने शपथपत्र पेश किया। कोर्ट ने इसका अवलोकन कर कहा कि, हलफनामे के अवलोकन से यह स्पष्ट है कि पंचायत एवं ग्रामीण विकास
कलेक्टर, बिलासपुर द्वारा दायर हलफनामे में बताया है कि रहंगी ग्राम पंचायत स्थित मुक्तिधाम (अंत्येष्टि स्थल) में आवश्यक बुनियादी सुविधाएं प्रदान की गई हैं। इन सुविधाओं में आगंतुकों के लिए एक निर्दिष्ट प्रतीक्षालय, स्वच्छ जल की आपूर्ति, साथ ही अंतिम संस्कार के लिए आवश्यक बुनियादी ढांचा शामिल है। अंतिम संस्कार की रस्में, इसके अतिरिक्त, जनता द्वारा उचित और सम्मानजनक उपयोग सुनिश्चित करने के लिए अंतिम संस्कार स्थल (प्लेटफॉर्म) की विधिवत मरम्मत और नवीनीकरण किया गया है।
विभाग द्वारा 6 अक्टूबर 2025 को और नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग द्वारा 8 अक्टूबर 2025 को मुक्तिधामों के रखरखाव के संबंध में आवश्यक दिशानिर्देश विधिवत जारी किए गए हैं। यह देखते हुए कि पंचायत और ग्रामीण विकास विभाग द्वारा 6 अक्टूबर 2025 को और नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग द्वारा 8 अक्टूबर 2025 को संबंधित कलेक्टरों, संबंधित नगर निगमों के आयुक्तों और नगर परिषदों और नगर पंचायतों के मुख्य नगरपालिका अधिकारियों को आवश्यक निर्देश जारी किए गए हैं, यह न्यायालय इनका प्रभावी अनुपालन सुनिश्चित करना उचित समझता है।

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